नैनवां (बूंदी).जिले में नैनवां के शहरी क्षेत्र में प्रारम्भिक शिक्षा के विद्यालयों में शिक्षकों की कमी के बाद भी शिक्षा विभाग की ओर से शिक्षक नहीं लगाए गए. जिससे कई विद्यालयों में एक शिक्षक को ही पूरे विद्यालय की कक्षाओं और विद्यालय की दूसरी जिम्मेदारी निभानी पड़ती है. वहीं एक बीएड प्रशिक्षित ने पहल करते हुए एकल शिक्षक विद्यालय में नि:शुल्क पढ़ाने का जिम्मा संभाल रखा है.
पढ़ें- स्पेशल स्टोरी: अलवर का ये सरकारी स्कूल बना मिसाल...निजी स्कूलों को भी देता है मात
अकेली शिक्षिका के सहारे 5वीं तक का स्कूल
दरअसल नैनवां कस्बे के माली मोहल्ला के प्राथमिक विद्यालय में एक ही शिक्षिका तब्बसुम तंवर ही नियुक्त हैं. अकेली शिक्षिका को ही एक साथ 5 कक्षाएं पढ़ाने के साथ ही पोषाहार और कार्यालय के दूसरे काम भी करना पड़ रहा है. विद्यालय की व्यवस्था को देखते हुए शिक्षिका तब्बसुम की देवरानी बीएड प्रशिक्षित रूबीना बानो ने भी बच्चों को पढ़ाने का निर्णय किया. इसके बाद वो विद्यालय में बच्चों को पढ़ाने में जुट गईं हैं. करीब 2 महीने से नि:शुल्क विद्यालय में पढ़ाने आ रहीं हैं. शिक्षिका तब्बसुम ने बताया, कि एक ही शिक्षक नियुक्त होने से इस साल सत्र शुरू होते ही लक्ष्मीपुरा के उच्च प्राथमिक विद्यालय से एक शिक्षिका आशा प्रजापत को लगाया गया था, लेकिन वो शिक्षिका भी प्रसूति अवकाश पर चली गई. जिसके बाद 2 महीने से उनकी देवरानी रुबीना शिक्षण कार्य में सहयोग करने आ रहीं हैं.