बूंदी. अभिनेत्री पायल रोहतगी को स्थानीय कोर्ट ने 24 दिसंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. पायल रोहतगी पर सोशल मीडिया में गांधी-नेहरू परिवार के खिलाफ आपत्तिजनक पोस्ट का आरोप है. पायल रोहतगी ने इस मामले में जमानत अर्जी दाखिल की थी, जिसे खारिज कर दिया गया. पायल रोहतगी की तरफ से एसीजीएम कोर्ट में फिर से नई जमानत अर्जी लगाई गई है.
पायल रोहतगी को कड़ी सुरक्षा के बीच बूंदी के एसीजीएम कोर्ट में पेश किया गया. जहां पर पौने घंटे तक चली सुनवाई के बाद दोनों पक्षों में जमकर बहस हुई. इस दौरान पायल रोहतगी के वकील भूपेंद्र सक्सेना ने ये दलील दी, कि रोहतगी ने निजी रूप से ये वीडियो जारी नहीं किया था. उन्होंने एक बुक के अनुसार तथ्य बताए थे. अगर कार्रवाई करनी है तो बुक पर होना चाहिए. ऐसी कौन सी इमरजेंसी आ गई थी, कि पायल रोहतगी को बूंदी पुलिस जाकर अहमदाबाद से हिरासत में लेकर आई और उनकी गिरफ्तारी की और कोर्ट में पेश किया.
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कांग्रेस की ओर से पैरवी कर रहे दिनेश पारीक ने कहा , कि लोकतंत्र में कोई भी हो उन्हें स्वतंत्रता सेनानी और उच्च पद पर बैठे व्यक्तियों का मजाक और उनके खिलाफ टिप्पणी करने का अधिकार नहीं है. करीब 1 घंटे तक चली सुनवाई के बाद बूंदी के एसीजीएम कोर्ट ने जमानत अर्जी खारिज की और पायल रोहतगी को 24 दिसंबर तक जेल भेजने के आदेश दिए हैं. यहां पर आदेश होने के बाद 15 मिनट के अंदर पायल को बूंदी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया और जेल लेकर गई.