बूंदी.जिले में पॉक्सो कोर्ट 2 ने नाबालिग से दुष्कर्म और गर्भवती करने के मामले में फैसला सुनाया है. जिसमें आरोपी मंगला को 10 साल की कठोर कारावास और 20 हजार रुपए के आर्थिक दंड से दंडित किया है. साथ ही अदम अदायगी में 3 माह के अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतने के आदेश दिए हैं.
दुष्कर्म के मामले में आरोपी को 10 साल की सजा बता दें कि यहां पर अभियोजन पक्ष की ओर से 17 गवाह 30 दस्तावेजों को कोर्ट में प्रस्तुत किया जहां कोर्ट ने यह सजा सुनाई है. जानकारी के अनुसार साल 2016 में देई थाना इलाके में पुलिस को यह नाबालिग पीड़िता अचेत अवस्था में मिली थी. जिसके बयानों के आधार पर पुलिस को पता लगा था कि इसके साथ दुष्कर्म हुआ है. ऐसे में पुलिस ने मेडिकल मुआयना करवाया तो दुष्कर्म होने और गर्भवती होने की पुष्टि हुई. जिसके बाद पुलिस की ओर से पीड़िता को बाल कल्याण समिति बूंदी में पेश किया गया. यहां पर बाल कल्याण समिति की ओर से बूंदी पुलिस अधीक्षक को मामले की रिपोर्ट भेजी गई. जहां पर पूरा मामला कोर्ट में चलान हेतु पेश किया गया.
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इस मामले में पीड़िता के बयान लिए गए. पीड़िता ने कोर्ट को बताया कि वो और उसका भाई दोनों अनाथ थे और मुंबई में रहकर सड़क किनारे भिक्षावृत्ति करते थे. ऐसे में देई निवासी आरोपी मंगला और उसकी मां उसे मिले और घर में रखने के बहाने उसे दोनों बूंदी के देई लेकर आ गए. यहां पर आरोपी ने पीड़िता के साथ दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया और उसे छोड़कर चला गया. फिर यहां पर देई पुलिस को यह पीड़ित मिली तब जाकर पूरी बात का खुलासा हुआ.
इस मामले में मंगलवार को आरोपी को बूंदी जेल से पॉक्सो कोर्ट में पेश किया गया. जहां अभियोजन पक्ष की ओर से 17 गवाह और 30 दस्तावेजों को कोर्ट में पेश किया गया. जिस पर कोर्ट ने सुनवाई करते हुए आरोपी को 10 साल के कठोर कारावास और 20 हजार रुपए का आर्थिक दंड लगाया है.
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बता दें कि पीड़िता अनाथ थी और उसके साथ उसका भाई था. दोनों मुंबई के फुटपाथ पर रहकर अपनी जिंदगी बिता रहे थे. तभी आरोपी ने अनाथ अवस्था का फायदा उठाकर उसके साथ दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया. इस मामले में अभियुक्त की मां को कोर्ट ने दोषमुक्त किया है.