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बूंदीः धोखाधड़ी करने वाले 2 आरोपी गिरफ्तार, फर्जी आईएएस बनकर विधायक से ठगे थे 9 लाख

बूंदी की कोतवाली थाना पुलिस ने दो फर्जी आईएएस अधिकारियों को गिरफ्तार किया है. जो देश में फर्जी आईएएस अधिकारी बनकर ठगी की वारदात को अंजाम दिया करते थे. इन लोगों ने बूंदी के दो ठेकेदारों सहित बूंदी बीजेपी विधायक अशोक डोगरा के साथ 9 लाख की ठगी की वारदात को अंजाम दिया था. अप्रैल 2019 में हुई ठगी के शिकार के बाद कोतवाली थाना पुलिस ने बिहार से गिरफ्तार किया है.

accused of fraud arrested, धोखाधड़ी करने वाले आरोपी गिरफ्तार
धोखाधड़ी करने वाले 2 आरोपी गिरफ्तार

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Published : Feb 19, 2020, 5:22 PM IST

बूंदी. बीजेपी विधायक अशोक डोगरा के साथ नौ लाख की धोखाधड़ी करने वाले फर्जी आईएएस अधिकारी और उसके साथी को पुलिस ने बुधवार को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस के अनुसार आरोपी अभिषेक रंजन बिहार निवासी है. जिसने बूंदी विधायक अशोक डोगरा के मोबाइल पर फर्जी आईएएस अधिकारी अमिताभ सिन्हा रेलवे सचिव बन कर बात की.

धोखाधड़ी करने वाले 2 आरोपी गिरफ्तार

बातचीत के दौरान आरोपी ने बूंदी विधायक से कहा कि बूंदी रेलवे स्टेशन का कार्य करवाने के नाम पर उन्हें टेंडर दिलवाए. ऐसे में बूंदी विधायक अशोक डोगरा ने अपने करीबी ठेकेदार अशोक कुमार चौधरी से टेंडर की अर्नेस्ट मनी के नाम पर 20 लाख में सौदा तय कर लिया. जिसके बाद आरोपी ने विधायक से धोखाधड़ी कर ली. जिसकी रिपोर्ट कोतवाली थाना पुलिस में दर्ज करवाई गई थी.

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कोतवाली थाना अधिकारी घनश्याम मीणा के निर्देशन में अनुसंधान अधिकारी द्वारा आरोपी के खाता का टेशन रिकॉर्ड प्राप्त किया और मोबाइल नंबर की कॉल डिटेल जाकर 20 लाख रुपए में से 11 लाख रुपए के ट्रांजेक्शन को पुलिस ने सूझबूझ करके रुकवा लिया. लेकिन आरोपी द्वारा 9 लाख की राशि को आरोपियों ने बैंक से निकाल लिया था. साथ में पुलिस ने फर्जी आईएएस अभिषेक रंजन के साथ उसके साथी अजय विश्वकर्मा जो की बिहार का निवासी है. उसको कोतवाली थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया है.

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जानकारी के अनुसार आरोपी फर्जी आईएएस और रेलवे सेक्रेटरी अमिताभ सिन्हा नाम से वर्क आर्डर देने के लिए 6 अप्रैल 2019 को बूंदी आकर बचे हुए कार्य को पूरा करने की बात कही थी. 6 अप्रैल को जब आरोपियों द्वारा इधर-उधर बहाने बनाए गए. वहीं 6 अप्रैल को शाम तक आरोपी बूंदी नहीं आए तो पीड़ित ठेकेदार हरकत में आए और पूरी बात उन्होंने बूंदी विधायक अशोक डोगरा को बताई.

तब जाकर मामले का खुलासा हुआ कि दोनों आरोपी फर्जी थे. इस पर कोतवाली में पीड़ित पहुंचे और पीड़ित ने रिपोर्ट दर्ज करवाई. रिपोर्ट में 20 लाख रुपए का ट्रांजेक्शन करवाने की बात कही गई. ऐसे में पुलिस ने सतर्कता बरती और 20 लाख में से 11 लाख रुपए की राशि को रुकवा दिया और आरोपी द्वारा 9 लाख निकाले जा चुके थे. लेकिन उन पैसों को पुलिस नहीं निकाल सकी.

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फिलहाल बूंदी की कोतवाली थाना पुलिस ने इन आरोपियों को 1 साल बाद गिरफ्तार कर लिया है और इनसे पूछताछ की जा रही है. पुलिस के अनुसार दोनों आरोपी फर्जी आईएएस अधिकारी बनकर ऐसे वारदात को अंजाम देते थे. कई राज्यों में उन्होंने इस तरीके की ठगी की वारदातों को अंजाम दिया था. फिलहाल बूंदी की कोतवाली थाना पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है और इन से बड़े-बड़े मामले खुल सकते हैं.

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