केशवरायपाटन (बूंदी). लॉकडाउन के बीच इस बार घरों से ही चल रहे रोजे और नमाज में भी नन्हें रोजेदारों का उत्साह कम नहीं हुआ है. बच्चों के उत्साह को जैसे पिछले साल इंतजार रहता था रमजान के आने का और रोजा रखने का. लेकिन, इस बार बात ही कुछ और थी.
इस साल भी कोरोना संक्रमण के बीच बच्चों ने भी रोजा रखकर अपने को किसी बड़े-बुजुर्ग से कम नहीं समझा. रमजान के माह में एक नेकी के बदले 70 नेकियों का सवाब मिलता है. रहमतों और बरकतों के इन दिनों में रोजेदार सिर्फ खुदा के लिए अपनी शिद्दत बल्कि इंसानियत के लिए अपनी चाहत भी परखते है. इबादत की इस कतार में नन्हें रोजेदार भी शामिल हुए है. इस गर्मी के मौसम में रोजा पन्द्रह घण्टे से अधिक रहा है.