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Laxmi Mata ki Puja : शुक्रवार को मां लक्ष्मी की करें पूजा, दूर होगी जीवन में धन की कमी - Bikaner Latest news

हिंदू धर्म शास्त्रों में जन्मकुंडली का भी महत्व है. जन्म कुंडली में शुक्र ग्रह का उच्च स्थान पर होना शुभ फलदायक माना जाता है. शुक्र ग्रह के नाम से ही शुक्रवार का नाम पड़ा. ज्योतिष के मुताबिक जिस व्यक्ति का शुक्र मजबूत यानी कि कुंडली में उच्च स्थान पर हो तो उस व्यक्ति का जीवन स्तर भी ऊंचा होता चला जाता है और उसे सब सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है.

Laxmi Mata ki Puja
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Published : May 12, 2023, 6:29 AM IST

बीकानेर. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शुक्र ग्रह को जातक के जीवन निर्वाह में सुख वैभव और समृद्धि का कारक माना जाता है. ज्योतिष के मुताबिक जिस व्यक्ति का शुक्र मजबूत यानी कि कुंडली में उच्च स्थान पर हो तो उस व्यक्ति का जीवन स्तर भी ऊंचा होता चला जाता है और उसे सब सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है. शुक्र ग्रह का दोष होने से व्यक्ति को जीवन में आर्थिक सफलता में बाधाएं आती है. ज्योतिष के अनुसार कई बार शुक्र ग्रह का दोष जीवन में आर्थिक स्थिति अच्छी होने के बाद भी जातक उसका उपभोग नहीं कर पाता है. शुक्रवार का दिन मां महालक्ष्मी की पूजा अर्चना के लिए है और यह शुक्र ग्रह को समर्पित है.

प्रसाद में यह करें अर्पित : नारियल का लड्डू, कच्चा नारियल और जल से भरा नारियल अर्पित करने से देवी लक्ष्मी के शुभ फल की प्राप्ति और उनकी कृपा प्राप्‍त होती है. वहीं, पताशे का संबंध चंद्रमा से होता है और चंद्रमा को देवी लक्ष्मी का भाई माना जाता है. यही वजह है कि बताशे मां लक्ष्मी को बहुत प्रिय बताया जाता है.

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माता महालक्ष्मी की पूजा : मान्यता है कि शुक्रवार के दिन माता महालक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए. मां महालक्ष्मी की पूजा करने से जीवन में कभी कोई कमी नहीं रहती है. भगवान गणेश और भगवान विष्णु के साथ माता महालक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए. ज्योतिषाचार्य विष्णु व्यास कहते हैं कि माता महालक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए महालक्ष्मी मंत्र के साथ मां लक्ष्मी के 108 नामों का जाप करना चाहिए. मां लक्ष्मी के बीज मंत्र का जाप से सुख-समृद्धि आती है. पूजन के साथ महालक्ष्मी के इन मंत्रों का जाप करना चाहिए.

ऊँ श्रींह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद

श्रीं ह्रीं श्रीं ऊँ महालक्ष्मी नमः

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