राजस्थान

rajasthan

By

Published : Apr 16, 2023, 7:15 AM IST

Updated : Apr 16, 2023, 7:29 AM IST

ETV Bharat / state

आज है वरुथिनी एकादशी, भगवान विष्णु की पूजा आराधना का है विशेष महत्व

हर साल में हिंदू पञ्चांग में 24 एकादशी आती है. प्रत्येक महीने में आने वाली दो एकादशी का विशेष महत्व है. हिंदू पंचांग के मुताबिक वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को वरुथिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है. इस साल वरुथिनी एकादशी का व्रत आज यानी रविवार 16 अप्रैल 2023 को है..

Etv Bharat
Etv Bharat

बीकानेर. वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी के दिन वरुथिनी एकादशी का व्रत रखा जाता है. इस व्रत को रखने वाले व्यक्ति को पापों से मुक्ति मिलती है. इस दिन भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण की पूजा-आराधना किया जाता है. साथ ही अन्न दान का भी विशेष महत्व है.

एकादशी के दिन ना करें ये काम :एकादशी को लकड़ी का दातुन तथा पेस्ट का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. नींबू, जामुन या आम के पत्ते चबा कर मुंह धोएं और अंगुली से कंठ को साफ करें. आज के दिन पेड़ से पत्ता तोड़ना भी वर्जित है, इसलिए गिरे हुए पत्ते का ही सेवन करें. आज के दिन चोर, पाखण्डी और दुराचारी मनुष्य से बात करने से भी बचना चाहिए. जहां तक संभव हो मौन धारण करें. एकादशी के दिन जाने व अनजाने में भी चावल न खाएं न ही किसी को खाने दें. इस दिन फलाहार अथवा घर में निकाले हुए फलों के रस अथवा दूध या जल का सेवन करना ही लाभदायक है. व्रत के दिन में कांसे के बर्तन का प्रयोग न करें और मांस प्याज, लहसुन, मसूर, उड़द, चना, शहद, तेल और अधिक मात्रा में जल का भी सेवन न करें.

व्रती को फलाहारी में केला, गाजर, शलजम, गोभी का सेवन नहीं करना चाहिए. इस दिन आम, अंगूर, बादाम, पिस्ता आदि अमृत फलों का ही सेवन करना उत्तम माना गया है. जुआ, निद्रा,पान, परनिंदा चोरी, हिंसा, मैथुन, क्रोध तथा झूठ, कपट इत्यादि अन्य कुकर्मों से नितांत ही दूर रहें. जाने व अनजाने में भी यदि किसी निन्दक से बात हो जाए तो इससे हुए दोष को खत्म करने के लिए भगवान सूर्य के दर्शन तथा धूप-दीप से श्रीहरि की पूजा कर क्षमा मांगनी चाहिए. एकादशी के दिन घर में झाडू कतई न लगाएं. इससे चींटी आदि सूक्ष्म जीवों की मृत्यु का भय रहता है. इस दिन बाल नहीं कटवाएं. न ही किसी का दिया हुआ अन्न ग्रहण करें.

पढ़ें Tulsi Vivah 2022: देवउठनी एकादशी पर होता है तुलसी विवाह, जानें कथा!

एकादशी के दिन करें ये काम:स्नानादि कर के गीता पाठ अवश्य करें, श्री विष्णुसहस्रनाम का पाठ करें. प्रत्येक एकादशी के दिन श्री विष्णुसहस्रनाम मंत्र का पाठ करने से घर में सुख-शांति बनी रहती है. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ इस द्वादश अक्षर मंत्र अथवा गुरुमंत्र का जाप करना चाहिए. एकादशी की रात में भगवान विष्णु की प्रतिमा या तस्वीर के आगे जागरण करें. श्रीहरि के समीप जागरण करते समय रात में दीप जलाने से पुण्य सौ कल्पों में भी नष्ट नहीं होता है. इस व्रत को करने वाले जातक को उत्तम फल की प्राप्ति होती है. इस दिन यथाशक्ति अन्न का दान करें. एकादशी के दिन इस मंत्र के जाप करने से श्री विष्णुसहस्रनाम के जाप के समान पुण्य प्राप्त होता है. राम रामेति रामेति रमे रामे मनोरमे, सहस्रनाम तत्तुल्यं रामनाम वरानने.

Last Updated : Apr 16, 2023, 7:29 AM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details