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सूर्य सप्तमी आज, पौष मास में मिलता है पूजा का सुफल

पञ्चांग अनुसार महीने में दो बार सप्तमी तिथि आती है. शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष (Surya saptami 2022 ). दोनों ही सप्तमी का अपना विशेष महत्व है. सप्तमी तिथि को रथ सप्तमी या सूर्य जयंती, शीतला सप्तमी, गंगासप्तमी और कामदा सप्तमी भी कहते हैं. सप्तमी के दिन सूर्य देव की पूजा की जाती है.

Surya saptami 2022
सूर्य सप्तमी आज

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Published : Dec 29, 2022, 7:37 AM IST

Updated : Dec 29, 2022, 10:13 AM IST

बीकानेर.धर्म शास्त्रों में पौष मास का बड़ा महत्व है. पौष मास में सूर्य की आराधना पूजा को महत्व दिया गया है (Surya saptami 2022 ). पौष मास की शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि गुरुवार को है, इसलिए इसी दिन सूर्य सप्तमी का पर्व मनाया जाएगा और व्रत-पूजा की जाएगी. गुरुवार को छत्र नाम का शुभ योग भी दिन भर रहेगा.

प्रत्यक्ष देवता हैं सूर्यदेव-सूर्य को तेज यानि प्रकाश का सूचक माना जाता है. सूर्यदेव की पूजा से जीवन की परेशानियां कम होती हैं और मान-सम्मान मिलता है, कहा जाता है कि सूर्यदेव पृथ्वी पर प्रत्यक्ष देवता है जिन्हें हम अपनी आंखों से देख सकते हैं. प्रतिदिन सुबह उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने की परंपरा हजारों साल पहले ही हमारे पूर्वजों ने बनाई थी, ये परंपरा आज भी जारी है.

उगते सूरज को अर्घ्य-सूर्योदय से पहले उठकर स्नान आदि करें और एक तांबे के लोटे में शुद्ध जल भर लें. इस जल में लाल फूल, लाल चंदन, कुंकु्म, चावल और गेहूं के दाने भी डालें. इसके बाद पहले उगते हुए सूर्य को प्रणाम करें और 'ऊं घृणि सूर्याय नम:' मंत्र बोलते हुए सूर्यदेव को जल अर्पण करें. सूर्यदेव को जल इस प्रकार चढ़ाएं कि वो आपके पैरों की ओर न आए. इसके बाद संभव हो तो गायत्री मंत्र या आदित्यहृदय स्तोत्र का भी पाठ करें. भगवान सूर्य के 12 नामों का जाप भी कर सकते हैं.

- ऊं सूर्याय नम:

- ऊं भास्कराय नम:

- ऊं रवये नम:

- ऊं मित्राय नम:

- ऊं भानवे नम:

- ऊं खगय नम:

- ऊं पुष्णे नम:

- ऊं मारिचाये नम:

- ऊं आदित्याय नम:

- ऊं सावित्रे नम:

- ऊं आर्काय नम:

- ऊं हिरण्यगर्भाय नम:

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बिना नमक करें व्रत-अगर आप सूर्यसप्तमी का व्रत करना चाहते हैं तो एक समय फलाहार कर सकते हैं, लेकिन इसमें नमक का प्रयोग न करें. संभव हो तो जरूरतमंदों को गुड़, गेहूं, गर्म कपड़ों का दान करें.

बीमारियों से छुटकारा-पौष महीने की सप्तमी पर सूर्य को जल चढ़ाने से बुद्धि तेज होती है और मानसिक शांति मिलती है. शास्त्रों के अनुसार नियमित रूप से सूर्य को अर्घ्य देने वाला इंसान कभी अंधा, दरिद्र और दुखी नहीं रहता. सूर्य पूजा करने से रोग दूर हो जाते हैं. इस दिन दान करने से पुण्य बढ़ता है और मां महालक्ष्मी जी भी प्रसन्न होती हैं. इसलिए इस दिन सूर्य पूजा को पूर्ण श्रद्धा और विश्वास के साथ करना चाहिए.

Last Updated : Dec 29, 2022, 10:13 AM IST

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