राजस्थान

rajasthan

रविवार के दिन सूर्य देव की करें पूजा, जानें अर्घ्य के समय कौन से मंत्र का करें जाप!

By

Published : Dec 25, 2022, 7:05 AM IST

रविवार सूर्य देवता की पूजा का वार है. जीवन में सुख-समृद्धि, धन-संपत्ति और शत्रुओं से सुरक्षा के लिए आज (Surya Puja On Ravivar) का व्रत सर्वश्रेष्ठ है. रविवार का व्रत करने और कथा सुनने से मनुष्य की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. मान-सम्मान, धन-यश और उत्तम स्वास्थ्य मिलता है.

surya puja on ravivaar
रविवार के दिन सूर्य देव की करें पूजा

बीकानेर.जन्म कुंडली में सूर्य का स्थान महत्व रखता है. सूर्य का स्वभाव राजा (Surya Puja On Ravivar) के समान है. वह किसी भी मामले में समझौता पसंद नहीं करते हैं, लेकिन हृदय विशाल होता है. यही कारण है कि जिन जातकों की पत्र‍िका में सूर्य की स्थिति अच्छी होती है, उनका रहन-सहन और तौर तरीका राजसी होता है.

स्थान अनुसार फल: ज्योतिष में जन्मपत्रिका में वैसे तो हर ग्रह का अपना महत्व है, लेकिन सूर्य देवता का बारह राशियों एवं नौ ग्रहों में विशेष महत्व है. सूर्य को ग्रहों का राजा माना जाता है. जिसका एक प्रमुख कारण ग्रह का स्वभाव एवं कारकत्व है यानी कुंडली में सूर्य किस स्थान पर बैठे हैं उस हिसाब से ही जातक के जीवन में फल प्राप्त होते हैं. पूजा आराधना से सूर्य भगवान को प्रसन्न कर मनवांछित फल प्राप्त किया जा सकता है.

आत्मविश्वास का कारक: सूर्य को आत्मा का कारक भी माना गया है. अत: कुंडली में सूर्य की अच्छी स्थ‍िति आत्मिक ढृढ़ता को दर्शाती है. ऐसे लोगों में भरपूर आत्मविश्वास होता है. इसके विपरीत जातक में आत्मविश्वास की कमी हो सकती है.

उच्च पद दिलाते सूर्य:सूर्य को स्वर्ण एवं गेहूं का कारक भी माना गया है. कहा जाता है कि स्वर्ण का सुनहरा रंग सूर्य की ही देन है. अत: कुंडली में सूर्य की अच्छी या उच्च स्थिति भाग्य को स्वर्ण की तरह चमकाने की ताकत रखती है. सूर्य का यश प्रदान करने वाला भी कहा गया है. अत: सूर्य के प्रभाव से जातक सुयश प्राप्त करता है. ऐसे लोग राजनीति में नाम कमाते हैं एवं सरकारी विभागों में उच्च पदों पर आसीन होते हैं, लेकिन इसके विपरीत स्थिति में जातक अपयश एवं आक्षेपों का भागी बनता है.

ये भी पढ़ें: Daily Rashifal 25 December : कैसा बीतेगा आज का दिन, जानिए अपना आज का राशिफल

जानें पूजा विधि: सूर्य देव एक ऐसे देवता हैं जिनके हम हर दिन साक्षात दर्शन करते हैं. रोजाना सूर्य देव को अर्घ्य देना शुभ और फलदायी माना जाता है. सूर्यदेव की पूजा के लिए सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान करें. इसके पश्चात् उगते हुए सूर्य का दर्शन करते हुए उन्हें ॐ घृणि सूर्याय नम: कहते हुए जल अर्पित करें. जल अपर्ण तांबे या पीतल के लोटे से करें. जल में लाल रोली, लाल फूल मिलाकर अर्घ्य देना श्रेयस्कर माना जाता है.

मान्यता के अनुसार सूर्य देव का व्रत एक साल 30 रविवार या फिर 12 रविवार तक करना अत्यंत शुभ होता है. पूजा घर में एक चौकी पर लाल या पीला कपड़ा बिछाएं. सूर्य नारायण की स्वर्ण निर्मित मूर्ति या चित्र रखें. इसके बाद विधि-विधान से सूर्यनारायण को स्नान कराकर सुगंध और पुष्प अर्पित करें. पूजा के दौरान 'ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं स: सूर्याय नम:' मंत्र का 3, 5 या फिर 12 बार माला से जाप करें.

इन मंत्रों का करें जाप
ॐ घृणि सूर्याय नम: ।
ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा।।
ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते, अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकर:।
ॐ ह्रीं घृणिः सूर्य आदित्यः क्लीं ॐ

ABOUT THE AUTHOR

...view details