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बीकानेर में केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल और विधायक गोविंद मेघवाल की प्रतिष्ठा दांव पर, अर्जुन का बेटा और गोविंद की पत्नी आमने सामने

बीकानेर पंचायत राज चुनावों के तहत जिला परिषद और पंचायत समिति के चुनाव में दावेदारों ने मैदान में ताल ठोंक दी है और दोनों ही पार्टियां पूरी तैयारी के साथ चुनाव लड़ रही है. बात करें बीकानेर की तो कांग्रेस और भाजपा के साथ ही यह चुनाव दिग्गज नेताओं के लिए भी प्रतिष्ठा का सवाल बन गया है. देखिए बीकानेर में पंचायतीराज चुनाव को लेकर यह स्पेशल ग्राउंड रिपोर्ट......

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Published : Nov 10, 2020, 9:50 AM IST

Bikaner Panchayat election, Bikaner news
बीकानेर चुनाव में दिग्गज आमने-सामने

बीकानेर. जिला परिषद की 29 और 9 पंचायत समिति के 161 सीटों पर होने वाले चुनाव में अब चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों को लेकर तस्वीर साफ हो गई है. कांग्रेस और भाजपा दोनों ही अपने हिसाब से रणनीति के तहत चुनाव की तैयारियों में जुट गए हैं. वहीं कांग्रेस और बीजेपी के दो दिग्गज नेताओं के परिवारजन इस चुनाव में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. ऐसे में ये चुनाव रोचक हो गया है.

बीकानेर चुनाव में दिग्गज आमने-सामने

बता दें कि बीकानेर में कभी भी भाजपा का जिला प्रमुख नहीं बना है. ऐसे में अपने 25 साल के इतिहास को कांग्रेस एक बार फिर कायम रखकर मैदान में उतरी है लेकिन टिकटों की घोषणा के मामले में भाजपा ने उसे पहली पटखनी दे दी. भाजपा ने जहां अपने सभी उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी, वहीं कांग्रेस ने सूची जारी करने से बचते हुए सीधे प्रत्याशियों को नामांकन भरवाते हुए सिंबल दिया.

अर्जुन मेघवाल के बेटे का औपचारिक राजनीतिक एंट्री

वैसे तो कांग्रेस और BJP दोनों ही पार्टियों के लिए एक मुकाबला है लेकिन बात बीकानेर में थोड़ी अलग है. दरअसल, बीकानेर से सांसद और केंद्रीय राज्य मंत्री अर्जुन मेघवाल के पुत्र रवि शेखर मेघवाल को पार्टी ने वार्ड संख्या 23 से जिला परिषद सदस्य के तौर पर उम्मीदवार बनाया है. इसी के साथ ही रविशेखर की औपचारिक राजनीतिक एंट्री भी हो गई है.

गोविंद मेघवाल की बेटी और पत्नी दोनों मैदान में

दूसरी ओर खाजूवाला से कांग्रेस विधायक गोविंद मेघवाल की पत्नी आशा देवी वार्ड संख्या 23 से मैदान में हैं तो वार्ड संख्या 24 से गोविंद मेघवाल की पुत्री और खाजूवाला से निवर्तमान प्रधान सरिता चौहान भी कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में है. दरअसल, बीकानेर जिला प्रमुख की सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. ऐसे में रवि शेखर भाजपा से जिला प्रमुख के दावेदार के रूप में है.

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वहीं कांग्रेस से सरिता चौहान भी जिला प्रमुख के लिए दावेदार हैं. हालांकि गोविंद मेघवाल ने अर्जुन मेघवाल को रोकने के लिए अपनी पत्नी आशा देवी को अर्जुन के पुत्र रवि के सामने मैदान में उतार कर मुकाबले को रोचक बना दिया है.

आशा देवी और रवि शेखर वार्ड 23 में भिड़ंत

गुटबाजी के बीच कांग्रेस की राह मुश्किल

बीकानेर में 1995 से लगातार कांग्रेस का जिला प्रमुख बन रहा है. बीकानेर देहात की राजनीति में रामेश्वर डूडी कांग्रेस के लिए एक बड़ा चेहरा है, लेकिन इस बार पंचायत राज चुनाव में कांग्रेस ने अपनी रणनीति के तहत विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी और विधायक को क्षेत्र में टिकट वितरण का जिम्मा दिया और उन्हीं को सिंबल दिए हैं.

ऐसे में देहात कांग्रेस में चल रही गुटबाजी के बीच कांग्रेस के लिए थोड़ी राह मुश्किल है. दूसरी ओर राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) ने भी मैदान में ताल ठोकी है और कुछ सीटों पर उम्मीदवार घोषित किए हैं.

माकपा के उतरने के बाद त्रिकोणीय हुआ मुकाबला

इसी बीच डूंगरगढ़ में माकपा से विधायक गिरधारी महिया ने भी पंचायतराज चुनाव में कांग्रेस और भाजपा के बीच होने वाले मुकाबले को त्रिकोणीय करते हुए अपने क्षेत्र में माकपा से उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं. कुल मिलाकर देहात में वोटर्स का बिखराव कांग्रेस के लिए मुश्किल भरा हो सकता है.

भाजपा के लिए एक सुकून की बात कोलायत से सामने आई है, जहां लोकसभा चुनाव में टिकट वितरण से नाराज होकर पार्टी छोड़ने वाले पूर्व मंत्री देवी सिंह भाटी ने इस बार पंचायत चुनाव में भाजपा के उम्मीदवारों को वोट देने की अपील कर पार्टी के लिए राहत का माहौल बना दिया है.

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दूसरी ओर भाजपा के विधायक और विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी रहे नेता भी अपने क्षेत्र में पार्टी को जिताने की कोशिश में नजर आ रहे हैं. यही कारण है कि खाजूवाला से भाजपा के पूर्व विधायक डॉ. विश्वनाथ और केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल के बीच रिश्ते जगजाहिर होने के बावजूद भी इस चुनाव में खुद रवि शेखर खाजूवाला विधानसभा क्षेत्र के ही वार्ड संख्या 23 से भाजपा के प्रत्याशी के रूप में मैदान में सामने आए हैं और चुनाव से पहले पार्टी की मीटिंग में डॉ. विश्वनाथ और रविशेखर एक साथ नजर आए. जिसके बाद कहीं ना कहीं दोनों ही कैंप में सामंजस्य होने की बात भी सामने आ रही है.

अर्जुन मेघवाल और गोविंद मेघवाल के बीच प्रतिष्ठा का सवाल

वहीं दो धड़ों में बंटी देहात की कांग्रेस में नेताओं में अपनी ढपली अपना राग का माहौल नजर आ रहा है. हालांकि, चुनाव अभी दूर है और जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आएंगे, वैसे-जैसे मुकाबलों को लेकर तस्वीर साफ होगी लेकिन कांग्रेस और भाजपा में हो रहे मुकाबले के बीच जहां भाजपा पहली बार जिला परिषद में भगवा फहराने को लेकर तैयारी कर रही है. तो एक बार फिर कांग्रेस अपने पुराने रिकॉर्ड को कायम रखना चाहती है. हालांकि, कहने को तो यह दो दलों के बीच का मुकाबला है लेकिन हकीकत में बीकानेर में जिला परिषद का चुनाव केंद्रीय राज्य मंत्री अर्जुन मेघवाल और खाजूवाला से विधायक गोविंद मेघवाल के बीच प्रतिष्ठा का सवाल बन गया है.

कांग्रेस और बीजेपी के दो दिग्गज नेताओं में टक्कर

ऐसे में अब देखने वाली बात यह है कि क्या अर्जुन अपने बेटे की चुनावी वैतरणी को पार करवाने की योजना पर निशाना साध पाएंगे या फिर गोविंद मेघवाल अर्जुन की राह में रोड़ा बंद कर कांग्रेस को फिर से एक बार जिला प्रमुख की सीट दिलाने में सफल हो पाएंगे.

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