बीकानेर. शनि देव कर्मों के हिसाब से फल देते हैं. शनिवार का दिन शनिदेव को समर्पित होता है. इस दिन शनि देव की विधि-विधान से पूजा (Shani Dev Ki Puja Vidhi) करने से विशेष कृपा प्राप्त होती है. आइए जानते हैं शनि देव की पूजा में किन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए.
मिलती है कृपा: दृष्टिहीन, निशक्तजन, सेवकों और सफाइकर्मियों से अच्छा व्यवहार रखें और उन्हें किसी भी प्रकार का दान दें. यदि संभव हो सके तो जूता दान करें. साथ ही शनिवार को एक कांसे की कटोरी में सरसों का तेल और सिक्का डालकर उसमें अपनी परछाई देखें और तेल मांगने वाले को दें या किसी शनि मंदिर में शनिवार के दिन कटोरी सहित तेल रखकर आ जाएं. यह उपाय आप कम से कम पांच शनिवार करेंगे तो आपकी शनि की पीड़ा शांत हो जाएगी और शनिदेव की कृपा मिलती है. शनिदेव की पूजा करते समय उनकी प्रतिमा के सामने खड़े होकर पूजा नहीं करनी चाहिए. इसके अलावा पूजा के समय शनिदेव की आंखों में नहीं देखना चाहिए.
हनुमानजी की पूजा: यदि आप शनि देव को प्रसन्न करना चाहते हैं तो सूर्यास्त के बाद हनुमान जी की पूजा करें. हनुमानजी की पूजा में सिंदूर रखा जाता है और आरती के लिए दीप जलाने के लिए काले तिल के तेल का इस्तेमाल करते हैं. पूजा में नीले फूल चढ़ाना भी शुभ माना जाता है.
शनियंत्र की स्थापना: अगर शनि के प्रकोप के कारण जीवन संकटों से घिरा हुआ है तो शनिवार के दिन शनि यंत्र की स्थापना कर उसकी पूजा करनी चाहिए. इस यंत्र की प्रतिदिन पूरे विधि-विधान से पूजा करनी चाहिए. इससे शनि देव बहुत प्रसन्न होते हैं. शनि यंत्र के सामने सरसों के तेल का दीपक जलाकर और रोजाना नीले फूल चढ़ाने से भी शनि देव की कृपा बनी रहती है.