बीकानेर. सनातन धर्मानुसार शनि देव कर्मों के हिसाब से फल देते हैं (Saturday Tips). शनिवार का दिन शनिदेव को समर्पित होता है. इस दिन शनि देव की विधि-विधान से पूजा करने से विशेष कृपा प्राप्त होती है. शनि के वक्री होने से कई मुसीबतों का सामना करना पड़ता है. वक्री यानी उल्टी दिशा में गति करने लगते हैं. खासकर जब शनि वर्की होते हैं तो तय माना जाता है कि जातक पर प्रतिकूल असर पड़ेगा उसे बने बनाए काम बिगड़ जाएंगे. जीती हुई बाजी हार में बदल जाएगी. इससे बचने के लिए ही कुछ उपाय हैं.
मंत्रों का करें जाप-शनि देव की कृपा बनी रहे इसलिए इनके मंत्र का जाप करना चाहिए. इसके साथ ही द्वादश ज्योर्तिलिंग के नामों का भी उच्चारण करना चाहिए. इसके अलावा हनुमान जी की पूजा करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं. शनिमंत्र का शनिवार को जाप करें.
शनिमंत्र
ॐ नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम।
छायामार्तण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम् ||
द्वादश ज्योर्तिलिंग नाम
सौराष्ट्रे सोमनाथं च श्रीशैले मल्लिकार्जुनम्।
उज्जयिन्यां महाकालं ओम्कारम् अमलेश्वरम्॥
परल्यां वैद्यनाथं च डाकिन्यां भीमशङ्करम्।
सेतुबन्धे तु रामेशं नागेशं दारुकावने॥
वाराणस्यां तु विश्वेशं त्र्यम्बकं गौतमीतटे।
हिमालये तु केदारं घुश्मेशं च शिवालये॥
एतानि ज्योतिर्लिङ्गानि सायं प्रातः पठेन्नरः।
सप्तजन्मकृतं पापं स्मरणेन विनश्यति