बीकानेर. प्रदेश में ये साल चुनावी साल है. चुनावी साल में सरकार तृतीय श्रेणी के शिक्षकों के तबादले की कोशिश में है. हालांकि लगातार 4 साल से तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादलों की मांग को लेकर कई बार आंदोलन भी हुआ. बावजूद इसके शिक्षक संगठनों की मांग पर सरकार ने कोई सुनवाई नहीं की.अब इसको लेकर अंदर खाने में कवायद चल रही है. तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादलों को लेकर शिक्षा विभाग ने पॉलिसी भी बनाई और काफी जद्दोजहद के बाद अब पॉलिसी मुख्यमंत्री के स्तर पर विचाराधीन है. मुख्यमंत्री की स्वीकृति के बाद ही श्रेणी शिक्षकों के तबादलों की कवायद शुरू होगी.
शिक्षकों की नाराजगी नहीं चाहती सरकार - दरअसल जिस तरह से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट पेश किया है. उसके बाद हर वर्ग को प्रभावित की बात कही जाती है. प्रदेश में शिक्षकों का सरकारी कर्मचारियों में एक बड़ा वर्ग है और तृतीय श्रेणी शिक्षकों का वर्ग, शिक्षकों के अनुपात में बड़ा है. इस संवर्ग की नाराजगी का रिस्क सरकार लेना नहीं चाहती है. बताया जा रहा है कि अब इसको लेकर एक बार फिर कवायद शुरू हुई है.
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