बीकानेर. शिक्षा में नवाचार करते हुए अब शिक्षा विभाग प्रदेश में पहली बार वर्चुअल स्कूल खोलने की तैयारी कर रहा है. बताया जा रहा है कि दिल्ली में सरकारी स्तर पर पहले से ही वर्चुअल स्कूल है लेकिन देश में कहीं भी निजी क्षेत्र में वर्चुअल स्कूल नहीं है. राजस्थान पहला ऐसा राज्य है जो देश भर में इस तरह का नवाचार कर रहा है. जल्द ही इन बच्चों की स्कूलों की विधिवत लॉन्चिंग मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के हाथों करवाई जाएगी.
पहली बार पांच स्कूल :प्रदेश के उदयपुर जोधपुर झुंझुनू जिला में 5 वर्ष और स्कूल खोले जाएंगे और उसको लेकर निदेशालय को इन स्कूलों के संस्था प्रधान की ओर से दिए गए प्रस्ताव के बाद निदेशालय ने इसकी अनुमति पत्र जारी कर दी है. अब बोर्ड स्तर पर इसकी मान्यता को लेकर कार्रवाई होगी.
मिलेगा फायदा : निदेशालय से जुड़े अधिकारियों की माने तो इसको लेकर आने वाले दिनों में बेहतर परिणाम सामने आ सकते हैं. जो विद्यार्थी नियमित स्कूल नहीं जा सकते हैं या किसी कारणवश अपनी रोजगार से भी जुड़े हुए हैं. अन्य स्थानों पर रहकर पढ़ाई करना चाहते हैं उन लोगों के लिए ये वर्चुअल स्कूल किसी वरदान से कम नहीं होगा. ऐसे में शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ते हुए वे अपने रोजगार के साथ शिक्षा भी पा सकेंगे. आने वाले दिनों में इसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे.
बोर्ड मान्यता के लिए आवेदन :जानकारी के अनुसार निदेशालय ने बुधवार को अपने स्तर पर इसकी अनुमति जारी कर दी है. अब माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से इसकी मान्यता की अनुमति पत्र जारी होगी. उसके बाद में ही ये स्कूल शुरू हो सकेंगे. प्रारंभिक तौर पर कक्षा 9 से 12 के लिए यह वर्चुअल स्कूल खोले जाएंगे.
प्रदेश में पहली बार वर्चुअल स्कूल का नवाचार, निजी क्षेत्र में खुलेंगे पांच स्कूल
प्रदेश में शिक्षा में सुधार के लिए अंग्रेजी मीडियम स्कूलों के नवाचार के साथ ही स्कूली विद्यार्थियों को अलग-अलग तरह की सरकारी स्तर पर मिलने वाली प्रोत्साहन के बाद अब सरकार ने वर्चुअल स्कूल खोलने की तैयारी कर ली है. प्रदेश में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर 4 जिलों में पांच स्कूल खोले जाएंगे.
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उपस्थिति भी ऑनलाइन : 10 कक्षा दसवीं बोर्ड और बारहवीं बोर्ड की परीक्षा में बैठने वाले विद्यार्थियों के लिए उपस्थिति का एक निर्धारित मापदंड है. इसके लिए बोर्ड स्तर पर ही मान्यता जारी होती है. ऐसे में स्कूलों में ऑनलाइन उपस्थिति को ही मापदंड का आधार बनाया जाएगा. वही भौतिक रूप से चल रहे स्कूलों के माध्यम से इन स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों का बोर्ड परीक्षा का फार्म भरा जाएगा.
एक्सपर्ट क्लास : हालांकि निजी क्षेत्र में खुलने वाले इन स्कूलों से पहले शिक्षा विभाग ने खुद अपने स्तर पर भी वर्चुअल तरीके से एक नवाचार पिछले दिनों किया था. जो निदेशालय में हर रोज सुबह 10:00 बजे से 4:00 बजे तक चलता है. विश्व में हर सब्जेक्ट के एक्सपर्ट टीचर फोन कॉल पर विद्यार्थियों की जिज्ञासाओं को शांत करते हुए उनके सवालों का जवाब देते हैं.
फीस और अन्य मापदंड तय :इन स्कूलों में होने वाली फीस और अन्य मापदंड तय कर दिए गए हैं और बोर्ड से मान्यता प्राप्त होने के बाद इन स्कूलों को उसी आधार पर शुरू किया जाएगा.
6 आवेदन लंबित : माध्यमिक शिक्षा निदेशालय के स्टाफ आफिसर डॉ अरुण शर्मा ने बताया कि वर्चुअल स्कूल के लिए 6 आवेदन निदेशालय में लंबित हैं जिन पर भी आने वाले दिनों में कार्रवाई की जाएगी.