बीकानेर.राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 को लेकर कांग्रेस और भाजपा ने अलग-अलग स्तर पर कई सीटों का वर्गीकरण किया है. इसमें लगातार हार और जीत वाली सीटें शामिल हैं. इनमें से बीकानेर पूर्व की सीट ऐसी है जहां लगातार तीन बार से भाजपा जीत रही है. यहां अब तक भाजपा और कांग्रेस ने अपने प्रत्याशी नहीं उतारे हैं. इसके चलते भाजपा की सिद्धि कुमारी के टिकट को लेकर भी कयास लगाए जा रहे हैं. साथ ही उन्हें अपनों से भी चुनौती मिल रही है.
बीकानेर जिले की तो पिछले तीन बार से लगातार भाजपा बीकानेर पूर्व विधानसभा सीट पर चुनाव जीत रही है. जिले की यह एकमात्र ऐसी सीट है जिसमें तीन बार का परिणाम एक ही पार्टी के पक्ष में गया है. 2008 में परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई सीट भाजपा के लिए अब तक मजबूत किले के रूप में रही है.
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तीन बार जीती: 2008 और 2013 के चुनाव में कांग्रेस ने यहां अलग-अलग उम्मीदवार मैदान में उतारे, लेकिन भाजपा ने बड़े अंतर से जीत हासिल की. इन दोनों चुनावों में जीत का अंतर कमोबेश एक जैसा रहा. 2018 में कांग्रेस ने नोखा से चुनाव लड़ चुके कन्हैयालाल झंवर को पार्टी में शामिल करते हुए बीकानेर पूर्व से टिकट दिया. झंवर ने यहां मजबूती से चुनाव लड़ा और पहली बार सिद्धि कुमारी को यहां काफी संघर्ष करना पड़ा. 2018 में सिद्धि कुमारी की जीत महज 7500 वोटों तक सिमट गई.
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कांग्रेस ढूंढ रही तोड़: तीन चुनाव में कांग्रेस ने यहां हर बार अलग-अलग जाति-वर्ग से उम्मीदवार उतारा, तो वहीं दो बार गैर कांग्रेसियों को पार्टी में शामिल कर टिकट दिया. सीधे तौर पर इस बार भी कांग्रेस ने यहां पर अभी तक की किसी चेहरे को फाइनल नहीं किया है. इस सीट से मुख्य तौर पर शहर कांग्रेस के अध्यक्ष यशपाल गहलोत, बाबू जयशंकर जोशी और वल्लभ कोचर टिकट मांग रहे हैं. अल्पसंख्यक समुदाय से मकसूद अहमद टिकट की दावेदारी कर रहे हैं.
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इस बार अपनों से चुनौती: इस सीट पर तीन बार के चुनाव परिणाम भाजपा के पक्ष में रहे हैं. ऐसे में खुद सिद्धि कुमारी भाजपा के लिहाज से मजबूत चेहरा हैं. बावजूद इसके इस बार भाजपा में टिकट मांगने वाले दावेदार सिद्धि कुमारी के सामने हैं. नगर विकास न्यास के पूर्व अध्यक्ष महावीर रांका, बीकानेर महापौर सुशीला कंवर, भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता डॉ सुरेंद्र सिंह शेखावत यहां से टिकट के दावेदारों में शामिल हैं.
दरअसल इस बार सिद्धि कुमारी को अपनों से ही चुनौती मिल रही है. सिद्धि कुमारी के टिकट को लेकर भी सवाल खड़े हो रहे हैं. हालांकि भाजपा की पहली सूची में सिद्धि कुमारी का नाम नहीं आने से इन चर्चाओं को बल भी मिला है. कांग्रेस ने अब तक राजस्थान में एक भी उम्मीदवार घोषित नहीं किया है. भाजपा ने अपनी पहली सूची में बीकानेर जिले के श्रीडूंगरगढ़ से प्रत्याशी घोषित किया है, लेकिन बीकानेर पूर्व पर अब तक प्रत्याशी घोषित नहीं होने से पार्टी के भीतर भी चर्चाओं का दौर जारी है.
कुल मिलाकर पहली बार ऐसा देखने में आ रहा है जब टिकट को लेकर सिद्धि कुमारी के रास्ते में संघर्ष दिख रहा है. सीधे तौर पर यह कहना भी गलत होगा कि पार्टी सिद्धि कुमारी का टिकट काटना चाहती है, लेकिन जिस हिसाब से पहली सूची में कई बड़े नेताओं के टिकट काटे गए हैं. उसके बाद इस बात की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता कि भाजपा कोई भी अप्रत्याशित कदम उठा सकती है.