बीकानेर. एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित होती है हर माह में दो बार आने वाली एकादशी तिथि का अपना एक अलग महत्व है और अधिकमास जो कि पुरुषोत्तम मास यानी मलमास के नाम से जाना जाता है. इस मास में आने वाली एकादशी को कमला एकादशी और पद्मिनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है.
तीन साल में एक बार : वैसे तो एकादशी तिथि हर महीने में 2 बार आती है. अधिक मास में पद्मिनी एकादशी तिथि साल में एक बार आती है, इसलिए इसका महत्व बढ़ जाता है. इस दिन पूजा-अर्चना करने के साथ ही गरीब और जरूरतमंद की सेवा और मदद करने से भी भगवान विष्णु और माता महालक्ष्मी प्रसन्न होते हैं.
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भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना : अधिक मास वैसे भी भगवान विष्णु की आराधना पूजा करने का महीना है और इस मास में आने वाली एकादशी को पद्मिनी एकादशी का जाता है और इस दिन विष्णु की पूजा-अर्चना करने से कई गुना फल की प्राप्ति होती है. इस दिन को महालक्ष्मी के साथ भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करने से व्यक्ति आर्थिक रूप से संपन्न होता है. कहा जाता है, जिस दिन की गई पूजा-अर्चना का अक्षय फल प्राप्त होता है.
आर्थिक कष्ट निवारण के उपाय : एक लोटे में जल, दूध, गुड़ और काले तिल मिलाकर हर शनिवार को पीपल के मूल में चढ़ाने तथा 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र जपते हुए पीपल की 7 बार परिक्रमा करने से आर्थिक कष्ट दूर होता है.