बीकानेर.बच्चों को अच्छे और बुरे स्पर्श का अंतर समझाना जरूरी है, जिससे वे जागरूक होकर अपने साथ होने वाले किसी भी दुर्व्यवहार को समझ सकें. यदि उनके साथ कोई ज्यादती होती है, तो वे इसके बारे में अपने अभिभावकों, शिक्षकों या संरक्षकों को सहज रूप से बता सकें. शुक्रवार को 'मेरा शरीर मेरा अधिकार' कार्यशाला को (My body My right workshop in Bikaner) सम्बोधित करते हुए पंचायती राज सचिव नवीन जैन ने रवीन्द्र रंगमंच पर यह बात कही.
50 प्रतिशत घटनाएं नजदीकी संबंधों में:जैन ने कहा कि छेड़छाड़ की 50 प्रतिशत घटनाएं नजदीकी सम्बंधों में होती है. लड़कियों के साथ-साथ लड़कों को भी गुड टच-बैड टच का अंतर बताने की जरूरत है. पंचायती राज सचिव ने कहा कि इस जागरूकता में शिक्षकों की अहम भूमिका है क्योंकि बच्चे अपने माता-पिता के बाद गुरूजनों के बहुत करीब होते हैं. इस प्रकार की कार्यशालाओं के माध्यम से यह प्रयास किया जा रहा है कि बच्चों में जागरूकता इस स्तर तक पहुंचे कि वे अपनी बात बताने में संकोच या घबराहट महसूस ना करें.
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विद्यालय स्तर पर किए जाएं प्रयास: नवीन जैन ने कहा कि निजी और सरकारी विद्यालयों में शिक्षक गुड टच-बैड टच के अंतर को बहुत आसानी से बच्चों के कोमल मस्तिष्क को समझा कर उनके बचपन को सुरक्षित बनाने में मददगार बन सकते हैं. गुड टच व बैड टच को समझाने के लिए अपने स्कूल में जागरूकता गतिविधियां प्रारम्भ करें और मजबूत भावी पीढ़ी तैयार करने में अपना योगदान दें.