बीकानेर.राजस्थान में आगामी विधानसभा चुनाव की दृष्टि से गहलोत का आखिरी बजट बेहद अहम माना जा रहा है. ऐसे में सीएम इस बजट को लेकर काफी गंभीर नजर आ रहे हैं. यही वजह है कि सीएम अपने चार साल के कामकाज की मंत्रियों और अधिकारियों संग समीक्षा में लगे हैं. जिसके तहत सभी मंत्री विभागवार अपने कामों का लेखा जोखा पेश कर रहे हैं. हालांकि ये सब इसलिए किया जा रहा है, ताकि आम जनता में एक बेहतर संदेश जाए. जिससे चुनावी माहौल बनाया जा सके. लेकिन इन सब के बीच 4 साल में कुछ ऐसे भी काम रहे हैं, जो गहलोत सरकार पूरा नहीं कर पाई है. जिनमें सबसे ज्यादा चर्चा तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादले की है.
साल 2018 में कांग्रेस की सरकार आने के बाद प्रदेश में शिक्षा विभाग में सबसे ज्यादा चर्चा तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादलों की हुई थी. साथ ही लगातार इन तबादलों को लेकर मांगें भी उठती रही. तत्कालीन शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा के रहते सरकार ने इन तबादलों को लेकर योजना भी बनाई, लेकिन आखिरकार शिक्षकों की ओर से किए गए तबादले के आवेदन रद्दी की टोकरी में चले गए. अब चुनावी साल आते ही सरकार फिर सक्रिय हो गई है. सीएम की मौजूदगी में सरकार के मंत्रियों के कामकाज को लेकर चिंतन शिविर हुआ.
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वहीं चुनाव से पहले सरकार की घोषणाओं को अमलीजामा पहनाने के लिए भी सरकार कवायद कर रही है. लेकिन इन सबके बीच तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादलों को लेकर भी चर्चा हुई और अब इन तबादलों को लेकर कवायद शुरू हो गई है. पिछले दिनों शिक्षा विभाग में मंत्री बीडी कल्ला और राज्यमंत्री जाहिदा के बीच हुए कार्य विभाजन के बाद अब पूरी तरह से तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादले राज्यमंत्री जाहिदा के अधीन ही रहेंगे.
जाहिदा ही करेगी तबादला:शिक्षा विभाग में लगातार तबादलों की कई सूचियां सामने आई और शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला के निर्देशन में ही इन तबादलों के कार्य को अंजाम दिया गया. लेकिन अब शिक्षा विभाग में केवल तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादलों का काम ही शेष बचा है. हालांकि सबसे ज्यादा चर्चा और आवाज भी तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादलों को लेकर उठ रही है. इन तबादलों को जल्द करने को लेकर सहमति बन गई है.
चुनौतीपूर्ण है तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादले: दरअसल, तबादलों की प्रक्रिया अपने आप में चुनौतीपूर्ण है और तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादले इस सरकार में एक बार भी नहीं हुए. ऐसे में अब चुनावी साल में तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादले का काम अपने आप में बड़ा चुनौतीपूर्ण है और आने वाले दिनों में शिक्षा राज्यमंत्री जाहिदा को इस बड़ी चुनौती से भी निपटना होगा. कहा जा रहा है कि सरकार के बजट सत्र के बाद तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादलों की प्रक्रिया शुरू होगी. इसको लेकर सरकार की ओर से विशेष अनुमति के बाद ही इन तबादलों की सूचियों को जारी किया जाएगा. लेकिन फिलहाल तक तैयारियों व सूची को लेकर कोई टिप्पणी नहीं की गई है.
कल्ला ने किया था बंटवारा:राजस्थान में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के बाद शिक्षा विभाग में शिक्षा मंत्री और शिक्षा राज्यमंत्री के बीच कार्य का बंटवारा खुद शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला ने किया था. शिक्षा विभाग से जुड़े प्रमुख कार्यों में राज्यमंत्री जाहिदा को महत्व दिया गया था और तबादले, संस्थापन, वरिष्ठता निर्धारण, त्याग पत्र, अधिवार्षिकी आयु प्राप्त व्यक्तियों को पुन: नियुक्ति, सेवानिवृत्ति संबंधी कार्य, भाषा विभाग, अकादमी कार्यक्रमों का पुनरावलोकन, निरीक्षण, दौरों का प्रतिवेदन, भूमि और भवन, स्कूल बंद करना, पद सृजित करना, शैक्षिक प्रौद्यौगिकी संस्थान अजमेर, वित्तीय स्वीकृति, अनुदानिक संस्थाओं से संबंधित प्रकरण, समग्र शिक्षा से संबंधित मामले से जुड़े अधिकार शिक्षा राज्य मंत्री को दिए गए थे. इसके अलावा समग्र शिक्षा और वित्तीय स्वीकृति से संबंधित सभी कार्यों और प्रोजक्ट्स के निर्णय के अधिकार शिक्षा राज्यमंत्री जाहिदा के अधीन किए गए थे.