बीकानेर. प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी शनिवार को बीकानेर के दौरे पर रहे. इस दौरान उन्होंने कई कार्यक्रमों में शिरकत की. कोरोना महामारी के बावजूद बीकानेर के महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय में जुलाई महीने में परीक्षाएं आयोजित करवाई जा रही है. जिसको लेकर उच्च शिक्षा मंत्री का कहना है कि परीक्षाओं का होना विद्यार्थियों के उज्जवल भविष्य के लिए जरूरी है.
शिक्षा मंत्री ने कहा कि देश के दूसरे राज्यों की में अक्सर सेमेस्टर वाइस परीक्षाएं ली जाती हैं. लेकिन राजस्थान में वार्षिक परीक्षा का प्रावधान है. ऐसे में अगर इस साल परीक्षाएं नहीं ली गई तो बच्चों का भविष्य अंधेरे में जा सकता है. उन्होंने कहा कि सोशल डिस्टेंसिंग का पूरी तरह से पालन करते हुए परीक्षाएं आयोजित करवाई जा रही है. इसकी सारी तैयारी विश्वविद्यालयों ने कर ली है.
उच्च शिक्षा मंत्री से खास बातचीत इस दौरान हाल ही में पाठ्य पुस्तकों में महाराणा प्रताप को लेकर इतिहास के साथ हुई छेड़छाड़ के बाद हुए विवाद पर उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप का हम सबके गौरव हैम और हमारा इतिहास काफी समृद्ध है. उनके बलिदान को भुलाया नहीं जा सकता. हमारा गौरवशाली इतिहास है. महाराणा प्रताप ऐसे योद्धा थे, जिनको देश और दुनिया महान मानती है. उन्होंने स्वाधीनता की लड़ाई के लिए अपना सब कुछ कुर्बान कर दिया था.
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इतिहास को पाठ्यक्रम में शामिल करना काफी अच्छी पहल है. इससे आने वाली पीढ़ी देश की गौरवमयी गाथाओं को जानेगी और समझेगी. लेकिन बुक में अगर किसी प्रकार की कोई कमी रह गई है तो उसे जल्द से जल्द ठीक करवाया जाएगा और महाराणा प्रताप के वास्तविक योगदान को दुनिया के सामने उदाहरण के रूप में रखा जाएगा.
बीकानेर के महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय के साथ संगठन कॉलेज के रूप में डूंगर कॉलेज और महारानी सुदर्शना कॉलेज को लेकर किए सवाल पर उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय की स्थापना के बाद ही इस तरह की मांग उठाई जा रही है. प्रदेश के अन्य विश्वविद्यालयों में हुए इस तरह के बदलाव के बाद उनकी स्थिति की समीक्षा की जा रही है. साथ ही इस मामले पर वित्त विभाग जो कि खुद मुख्यमंत्री के पास है, उनसे सलाह कर आगे कार्य किया जाएगा.
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बता दें कि राजस्थान में मेवाड़ राजवंश और हल्दी घाटी से जुड़े पाठ्यक्रम के विवाद का जिन्न एक बार फिर बाहर निकल आया है. इस बार माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की 10वीं और 12वीं कक्षा की महाराणा प्रताप के इतिहास का पाठ्यक्रम भी शामिल किया गया है. जिसमें महाराणा प्रताप के पिता उदय सिंह के राजतिलक, उनके सौतेले भाई व दासी पुत्र बनवीर को लेकर किताबों में जोड़ी गई नई टिप्पणी विवादों के घेरे में आ गई है. साथ ही हल्दीघाटी के नाम का वर्णन और दसवीं व 12वीं की पुस्तकों में दिए गए तथ्यों में फर्क पर बखेड़ा खड़ा हो गया है. जिसका कई जगहों पर विरोध किया जा रहा है.