बीकानेर.वैदिक ज्योतिष में मंगल महत्वपूर्ण ग्रह है. अग्नि कारक ग्रह कहे जाने वाले मंगल को नवग्रहों में सेनापति कहा जाता है. कुंडली मे मंगल जातक के साहस, ऊर्जा, गतिशीलता, जीवन शक्ति और अनुशासन का कारक होता है. साथ ही व्यक्ति के शरीर में खून, हड्डी, शारीरिक चोट या दुर्घटना का द्योतक होता है. दुर्बल या नीच राशि मे उपस्थित मंगल को प्रबलता देने हेतु मंगलवार के दिन सोने की अंगूठी में मूंगा का अनामिका अंगुली में धारण करना श्रेयस्कर रहता है.
एक जुलाई को गोचर परिवर्तनअपनी नीच और जल तत्व की राशि कर्क से मंगल ग्रह सिंह राशि में एक जुलाई 2023 को रात्रि 1:30 पर प्रवेश कर 18 अगस्त 2023 तक रहेंगे. मंगल के सिंह राशि में गोचर से कार्य ऊर्जा, अनुशासन, आत्मबल इत्यादि गुणों में वृद्धि होगी. इसके अतिरिक्त देश में औद्योगिक उत्पादन में वृद्धि तथा कृषि कार्यों में भी तेजी आएगी. मंगल के इस राशि परिवर्तन से विभिन्न राशियों पर निम्नलिखित प्रभाव परिलक्षित होंगे.
मेष : रचनात्मक कार्यों में नई ऊर्जा, प्रेम प्रसंग अथवा सट्टेबाजी की मनोवृति, शेयर मार्केट से लाभ होगा.
वृषभ :भूमि, मकान, वाहन के क्रय विक्रय के योग, गृहस्थान पर नवाचार, माता संबंधी पीड़ा की संभावना है.
मिथुन :नवीन कार्य, कार्य हेतु अल्प दूरी की यात्रा, सामूहिक कार्य का नेतृत्व, संप्रेषण क्षमता बढ़ेगी.
कर्क :पारिवारिक आयोजन, नेत्र अथवा दंत दोष, स्थाई परिसंपत्ति में वृद्धि, वाणी में कठोरता दिखेगी.