बीकानेर. एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित होती है. हर माह में दो बार आने वाली एकादशी तिथि का अपना एक अलग महत्व है और हर एकादशी का भी अपना अलग महत्व है. एकादशी के दिन भगवान विष्णु और भगवान कृष्ण की पूजा का विधान है. आज मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को उत्पन्ना एकादशी के रूप में मनाया जाता है. मान्यता है कि उत्पन्ना एकादशी का व्रत रखने से व्यक्ति के पूर्व जन्म के पापों का नाश होता है.
मान्यता है कि इस दिन सुबह स्नान कर भगवान विष्णु की उपासना करनी चाहिए. उन्हें पीले फल, पीले फूल, तुलसी दल और पंचामृत अर्पित कर, गोपाल मंत्र का जाप करना चाहिए. संतान की चाहा रखने वाले दंपती "ॐ क्लीं देवकी सुत गोविन्द वासुदेव जगत्पते, देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणम गता" बाद में दंपीत एक साथ फल और पंचामृत प्रसाद लें.