बीकानेर.कार्तिक शुक्ल द्वितीया को 5 दिवसीय दीपोत्सव की पूर्णाहुति होती है और इसी दिन भाई दूज का पर्व मनाया (Bhai Dooj 2022) जाता है. धनतेरस से शुरू हुआ दीपोत्सव का क्रम पांचवें दिन भाई दूज तक चलता है और आखिरी दिन यानी भाई दूज को बहनें अपने भाई के दीर्घायु होने की (sister wishes for brother long life) कामना करती हैं.
यम द्वितीया स्नान का महत्व:पंचांगकर्ता पं. राजेंद्र किराडू बताते हैं कि भाई दूज के दिन यमुना नदी में स्नान करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है और इसे यम द्वितीया स्नान कहते हैं. कथाओं में इस बात का जिक्र मिलता है कि भाई दूज के दिन यमुना जी के घर आए उनके भाई यमराज भी यमुना नदी में स्नान किए थे. इसी कारण इस दिन यमुना नदी में स्नान का विशेष महत्व है और मान्यता है कि इस दिन यमुना नदी में स्नान करने से भाई की उम्र बढ़ती है.
ऐसे बनी बहन के यहां भोजन करने की परंपरा:पं. राजेंद्र किराडू बताते हैं कि वैसे तो शास्त्रों में बहन के यहां भोजन करने की भाइयों को मनाही है, लेकिन यमुना जी के निमंत्रण पर भाई यम उनके घर गए थे. बहन के घर उन्होंने भोजन किया और तभी से ये परंपरा चली आ रही है. ऐसी मान्यता है कि भाई दूज के दिन दीपदान करने से यमराज और यमुना जी प्रसन्न होते हैं.