बीकानेर.भाद्रपद कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को बड़ी या कजरी तीज का पर्व मनाया जाता है. आज के दिन सुहागन महिलाएं सोलह श्रृंगार कर अपने पति की दीर्घायु की कामना के लिए व्रत रखती हैं. साथ ही गेहूं, जौ, चना और चावल से बने सत्तू को खाकर व्रत खोलती हैं. दरअसल, सनातन धर्म में व्रत व तिथियों का विशेष महत्व है और वैदिक पंचाग के अनुसार आज कजरी तीज का पर्व है. कहते हैं कि इस व्रत को करने मात्र से ही सुहागन महिलाओं का सुहाग अखंड होता है और उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
सुहागनों का सबसे बड़ा व्रत -विवाहित महिलाओं के लिए यह पूरे साल में सबसे बड़ा व्रत होता है. आज के दिन महिलाएं निराहार रहकर व्रत करती हैं तो कई महिलाएं निर्जला उपवास भी रखती हैं. आज के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा आराधना करने के साथ ही नीमड़ी की भी पूजा की जाती है. वहीं, चंद्र दर्शन के बाद अर्घ्य देकर व्रत खोला जाता है. साथ ही व्रत खोलते समय गेहूं, जौ, चना और चावल से बने सत्तू को ग्रहण किया जाता है.