बीकानेर. पूरे प्रदेश में उच्च शिक्षा विभाग में एक ओर जहां एक तिहाई से ज्यादा पद खाली पड़े हैं. वहीं विभाग के अधीन प्रदेश के 252 सरकारी कॉलेजों में पदों की कमी रिक्तियों के चलते कहीं ना कहीं शिक्षण कार्य बाधित हो रहा है.
उच्च शिक्षा विभाग में प्रतिनियुक्तियों का खेल नहीं टूटा...
पूरे प्रदेश में उच्च शिक्षा विभाग में एक ओर जहां एक तिहाई से ज्यादा पद खाली पड़े हैं. वहीं विभाग के अधीन प्रदेश के 252 सरकारी कॉलेजों में पदों की कमी रिक्तियों के चलते कहीं ना कहीं शिक्षण कार्य बाधित हो रहा है.
वहीं दूसरी और प्रदेश में 200 के करीब व्याख्याताओं को अलग-अलग विभाग में प्रतिनियुक्ति दी गई है. जानकारी के मुताबिक कई प्रतिनियुक्तियां तो ऐसे विभागों में की हुई है जहां उस व्याख्याता का कोई उपयोग भी नहीं है. केवल रसूख के चलते ऐसी प्रतिनियुक्तियां की गई हैं.
कॉलेज शिक्षा संगठन रूकटा के प्रदेश महामंत्री विजय कुमार एरी कहते हैं कि नई सरकार बनने के बावजूद भी लगता नहीं है कि कुछ बदला हो. ऐरी कहते हैं कि पिछली सरकार के समय राजनीतिक रूप से परेशान करने के लिए उच्च शिक्षा विभाग में स्थानांतरण किए गए. साथ ही अपने चहेतों को लाभ देने के लिए प्रतिनियुक्तियां की गईं. एरी ने कहा कि हालांकि इसको लेकर संगठन स्तर पर मुख्यमंत्री और उच्च शिक्षा मंत्री से मिलकर बताया गया है. लेकिन आज तक कोई काम नहीं हुआ है.
दरअसल कॉलेज शिक्षा में बैकडोर से रसूखदार लोगों को लाभ देने के लिए प्रतिनियुक्ति के प्रकरण सामने आए हैं. बताया जा रहा है कि एक व्याख्याता को तो दिल्ली में पर्यटक स्वागत केंद्र में प्रतिनियुक्ति दी गई है. जहां सीधे तौर पर उसका कोई उपयोग भी नहीं है. वहीं किसी को राज्य युवा बोर्ड तो किसी को भाषा विभाग में प्रतिनियुक्ति दी गई है.
इस मामले में प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने दूरभाष पर बताया कि प्रतिनियुक्ति के मामले को लेकर जानकारी आई है और संबंधित अधिकारियों को पूरी रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है. उसके बाद में आवश्यक प्रतिनियुक्तियों के अलावा सबको निरस्त किया जाएगा.