बीकानेर. ज्येष्ठ मास की अमावस्या को शनि जयंती मनाई जाती है. इस बार शनि जयंती 19 मई को है. इस दिन शनि देव का विधिपूर्वक पूजन करने से जीवन में सभी परेशानियों को दूर किया जा सकता है. ज्योतिष के अनुसार साढ़ेसाती और ढैय्या से परेशान लोगों को इस दिन आराधना जरूर करनी चाहिए.
भगवान सूर्य और माता छाया के पुत्र शनि ग्रह शनिवार के स्वामी हैं. ज्येष्ठ मास की अमावस्या को भगवान शनि का जन्मोत्सव शनि जयंती या शनिचर जयंती के रूप में मनाया जाता है. शनिदेव को न्याय और दंड का देवता माना गया है. ज्योतिर्विद डॉ आलोक व्यास बताते हैं कि जातक के जीवन में शनिदेव ढैया या साढ़ेसाती के रूप में कर्मों (पाप और पुण्य) को न्यायानुसार फलित करते हैं.
पढ़ेंःशनि की कुदृष्टि से हैं परेशान तो शनि जयंती पर करें यह उपाय, दूर हो जाएगी सभी परेशानी
शनि जयंती को करें ये कामः ज्योतिर्विद डॉ आलोक व्यास कहते हैं कि शनिदेव के पूजन में सप्तर्षियों के दर्शाने के लिए प्रतीकात्मक रूप से 7 प्रकार के अनाज (गेहूं, चावल, तिल, मूंग, उड़द और जौ) काले तिल, काले चने आदि का उपयोग किया जाता है. इससे शनि की साढ़ेसाती या शनि की ढैया के दुष्परिणाम से राहत मिलती है. जातक की पत्रिका में शनि की महादशा साढ़ेसाती चल रही हो, तो प्रत्येक जातक को शनि भगवान का तिल्ली के तेल से अभिषेक करना चाहिए. शनिवार के दिन तिल्ली का तेल, काले तिल, काला कंबल, काली चप्पल, लोहे का पात्र दक्षिणा सहित शनि मंदिर में अर्पण करना चाहिए.