बीकानेर. होली के मौके पर बीकानेर में मस्ती पूरे परवान पर है. रम्मतों के साथ ही मंदिरों से लेकर घरों में मनाए जा रहे फाग उत्सव के साथ ही होलिका दहन भी बीकानेर में अपनी खास पहचान रखता है. शहर के प्रमुख मोहल्लों में शामिल साली की होली में शहर की सबसे बड़ी होलिका दहन मनाया जाता है. वहीं शहर के दम्मानी चौक का इतिहास है कि पूरे शहर में सबसे आखिर में रात 12 बजे होलिका दहन होता है.
इस दौरान बीकानेर शहर के परकोटे क्षेत्र में पुष्करणा समाज की विभिन्न जातियों की गेवर निकलती है. हर आम और खास बीकानेर की होली की मस्ती में डूबा हुआ है, तो वही परंपराओं का निर्वहन भी देखने को मिल रहा है. शिक्षा, कला एवं संस्कृति मंत्री डॉ बीडी कल्ला ने सोमवार को मोहता चौक में संस्कृति पाटा द्वारा आयोजित होली स्नेह मिलन समारोह में शिरकत की. वहीं देर शाम को शिक्षा मंत्री कल आने होलिका दहन के बाद पापड़ सेककर खाने की रस्म भी निभाई. इस दौरान बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे.
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रात में दिन जैसा माहौल: होली के मौके पर बीकानेर के परकोटा अंदरूनी क्षेत्र में रात में भी दिन जैसा माहौल नजर आता है. बड़ी संख्या में हर उम्र के लोग होली की मस्ती में डूबे लगाते हैं. डीजे पर पारंपरिक लोकगीतों के साथ ही होली के मौके पर बनाए गीतों के बीच भांग से बनाएं आइटमों की भी जमकर बिक्री होती है. होली मस्ती-मजाक और अल्हडता का पर्व है. बीकानेर में होली का क्रेज कुछ ज्यादा ही देखने को मिलता है. अलग-अलग स्वांग धरे लोग यहां नजर आते हैं. ज्यादा से ज्यादा लोगों का ध्यान अपनी और खींचने के लिए स्वांग बनने वाले लोग हर तरह के प्रयोग के साथ रूप धरे हुए दिखते हैं.
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झालावाड़ के प्रमुख चौराहों पर होलिका दहन: झालावाड़ जिले के विभिन्न कस्बों में आज होली पर्व बड़े ही उत्साह से मनाया गया. होली महोत्सव के पहले दिन आज झालावाड़ व झालरापाटन शहर के कई प्रमुख चौराहों पर होलिका का पुतला बनाकर उसका पारंपरिक तरीके से दहन किया गया. इस दौरान होलिका दहन वाले स्थानों पर आकर्षक सजावट की गई. शाम को महिलाओं ने पारंपरिक टोटके के साथ होलिका की पूजा-अर्चना भी की. बाद में शुभ महूर्त देखकर होलिका का दहन किया गया. इस दौरान पुलिस प्रशासन द्वारा सभी चौराहों पर पुलिस के जवानों को तैनात रखा गया. ताकि सामाजिक समरसता के इस त्योहार पर लोगों में आपसी भाईचारा बना रहे.