बीकानेर. वैदिक ज्योतिष में शनि को न्याय और कर्म प्रधान ग्रह माना गया है, जो व्यक्ति को उसके कर्म के अनुसार जीवन में फलित करता है. शनि मानव जीवन में न्याय, चिंतन, कष्ट, पीड़ा, आयु, सजा, गुलामी, दुःखद अनुभव, वृद्धावस्था, प्रजा, तकनीकी ज्ञान, खनिज वस्तुएं, तेल इत्यादि का कारक होता है. 17 जून यानी की आज शनि कुंभ राशि में वक्री होंगे.
विभिन्न राशियों में अलग-अलग प्रभाव :ज्योतिष परिभाषा के अनुसार किसी भी ग्रह की चाल को वक्री तब कहा जाता है जब पृथ्वी के सापेक्ष आकाश में अग्र दिशा में गतिमान ग्रह रुक कर पीछे की ओर गतिशील नज़र आता है. यह एक प्रकार का दृष्टि भ्रम है जो कि पृथ्वी, सूर्य और उस ग्रह की सापेक्षिक गति के कारण उत्पन्न होता है और वक्री शनि कुंडली मे भाव स्थिति अनुसार सम्बंधित क्षेत्रों में कर्म करने पर विभिन्न राशियों में अलग-अलग प्रभाव फलित करेंगे.
पढ़ें. ज्योतिष शास्त्र: शनि के प्रभाव और कष्टों से मुक्ति पाने के लिए ऐसे करें कलयुग के प्रधान देवता हनुमानजी की पूजा
शनि के शुभ फलों में अधिकता :इस वर्ष शनि 17 जून 2023 को रात्रि 10:48 पर कुम्भ राशि में वक्री होंगे. इसके बाद 4 नवंबर 2023 को कुंभ राशि में ही फिर से मार्गी होंगे (कुल 139 दिन). शनि इस बार अपनी ही राशि में वक्री हो रहे हैं, इसलिए शनि के शुभ फलों में अधिकता रहेगी. बीकानेर के ज्योर्तिविद डॉ. आलोक व्यास के अनुसार शनि के वक्री होने से अलग राशियों पर इसका अलग अलग असर देखने को मिलेगा.
- मेष : संपर्क सूत्रों में बढ़ोतरी, आय में वृद्धि के लिए प्रयास, बड़े भाई बहनों का सहयोग मिलेगा.
- वृषभ: कार्यस्थल को प्राथमिकता, रोजगार और पदोन्नति के लिए प्रयासों की अधिकता, सामाजिक प्रतिष्ठा में बढ़ोतरी होगी.
- मिथुन: धार्मिक अनुष्ठान और धार्मिक क्रियाकलाप के लिए यात्रा, उच्च अध्ययन के अवसर, गुरुजनों का आशीर्वाद मिलेगा.
- कर्क: भय या आशंका गुप्त विद्या या तंत्र मंत्र यंत्र की ओर रुझान, भूमिगत वस्तुओं से लाभ मिलने के योग हैं.
- सिंह: नव साझेदारी के योग, जीवनसाथी और मित्रों का सहयोग, विवाह या सगाई के अवसर पैदा होंगे.
- कन्या: दैनिक कार्यों में अधिक ऊर्जा, रोग ऋण या शत्रु बाधा, कानूनी वाद विवाद देखने को मिल सकता है.
- तुला: रचनात्मक कार्यों की ओर रुझान, प्रेम प्रसंग या सट्टेबाजी की मनोवृति, संतान संबंधी चिंता, शेयर मार्केट से लाभ होने के योग हैं.
- वृश्चिक: भूमि, मकान, वाहन के क्रय-विक्रय के योग. गृह स्थान पर नवाचार, माता संबंधी चिंता हो सकती है.
- धनु: नवीन कार्य प्रारंभ करने के लिए प्रयास. अल्प दूरी की यात्रा, छोटे भाई बहन या अधीनस्थ का सहयोग मिलेगा.
- मकर: स्थाई संपत्ति में बढ़ोतरी के लिए प्रयास, पारिवारिक सहयोग, नेत्र या वाणी दोष की संभावना है.
- कुंभ: एकांतवास, आत्मचिंतन या मनन, आत्मछवि में सुधार के लिए प्रयास देखने को मिलेंगे.
- मीन: विदेश प्रवास या लंबी दूरी के लिए यात्रा की चाह, व्यय में बढ़ोतरी, व्यापार में हानि के योग बनेंगे.