बीकानेर. खाजूवाला थाना क्षेत्र में मंगलवार को एक दलित युवती की मौत के मामले में 36 घंटे बाद परिजनों और पुलिस प्रशासन के बीच कई दौर की वार्ता के बाद सहमति बनी है. दरअसल, मृतका के पिता ने खाजूवाला थाने के दो कांस्टेबल सहित अन्य पर अपनी पुत्री के साथ दुष्कर्म और हत्या करने का आरोप लगाते हुए नामजद एफआईआर दर्ज करवाई थी.
इस मामले में मंगलवार से ही खाजूवाला थाने और मोर्चरी के बाहर परिजनों के साथ ही पूर्व संसदीय सचिव और भाजपा देहात जिलाध्यक्ष जालम सिंह भाटी धरने पर बैठे थे. हालांकि, इस दौरान जिला पुलिस अधीक्षक तेजस्विनी गौतम खाजूवाला में मौजूद रहीं और बुधवार को आईजी ओमप्रकाश ने भी परिजनों और भाजपा नेताओं के साथ वार्ता की और दिनभर वार्ता के बाद परिजनों की मांग पर कई बिंदुओं पर सहमति बन गई. जिसके बाद अब पोस्टमार्टम के लिए परिजन तैयार हो गए.
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मिलेगा मुआवजा : भाजपा जिला मंत्री देवीलाल मेघवाल ने बताया कि दिनभर के विरोध-प्रदर्शन के दौरान मृतका के परिजनों को 25 लाख रुपये मुआवजा, आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के साथ ही पोस्टमार्टम मेडिकल बोर्ड से कराने के साथ ही कई अन्य मांगें रखी गई थीं, जिन पर सहमति के बाद परिजन माने.
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दिन भर रहा धरना का माहौल : खाजूवाला में बुधवार को दिनभर परिजनों साथ ही भाजपा नेता धरने पर बैठे रहे और इस दौरान पुलिस प्रशासन के अधिकारियों ने उनसे समझाइश का प्रयास किया, लेकिन वे अपनी मांगों पर अड़े रहे. वहीं, इस मामले को लेकर विपक्षी दल भाजपा के नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सीपी जोशी ने भी सरकार पर सवाल उठाते हुए कानून व्यवस्था के लिए ऐसी घटना को शर्मनाक बताया.