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Okhi Released in Bikaner : ओखी ने 5 साल बाद खुले आसमान में भरी उड़ान... - Rajasthan Hindi news

कन्याकुमारी के एक गांव में चक्रवात के दौरान घायल हुए (Cinereous Vulture Okhi) सीनेरियस वल्चर ओखी को बीकानेर के जोड़बीड़-गाढ़वाला कंजर्वेशन रिजर्व वन क्षेत्र में छोड़ा गया. करीब 5 सालों बाद वल्चर ने खुले आसमान में उड़ान भरी.

Okhi in Bikaner
Okhi in Bikaner

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Published : Dec 15, 2022, 9:11 PM IST

ओखी ने 5 साल बाद खुले आसमान में भरी उड़ान...

बीकानेर.वर्ष 2017 में समुद्री चक्रवात (ओखी) के दौरान (Cinereous Vulture Okhi) कन्याकुमारी के एक गांव में घायल सीनेरियस वल्चर ने गुरुवार को 5 साल बाद खुले आकाश में उड़ान भरी. दो राज्यों की सरकारों के प्रयासों से इसे गुरुवार को बीकानेर पहुंचाया गया, जहां से शुक्रवार को इसे जोड़बीड़-गाढ़वाला कंजर्वेशन रिजर्व वन क्षेत्र में छोड़ा गया. इस वल्चर को संभवयत देश के सबसे बड़े और लंबे ऑपरेशन के बाद बीकानेर पहुंचाया गया है.

ओखी चक्रवात में घायल वल्चर का कन्याकुमारी से रेस्क्यू किया गया था. इसके बाद भारतीय वन्यजीव संस्थान ने अपनी रिपोर्ट में इसे उत्तर भारत में रिलीज करना उचित बताया. क्योंकि दक्षिण भारत में इस प्रजाति का वल्चर नहीं पाया जाता. तमिलनाडु के वन विभाग और राजस्थान के प्रधान मुख्य वन संरक्षक अरिंदम तोमर के बीच इसे राजस्थान में छोड़ने की सहमति बनी. इसके बाद भारतीय वन्य जीव संस्थान देहरादून की टीम जोधपुर पहुंची. जहां मुख्य वन संरक्षक हनुमाना राम ने भारतीय वन्यजीव संस्थान के वैज्ञानिक डॉ. सुरेश कुमार की रिपोर्ट के आधार पर इसे जोड़बीड़-गाढ़वाला कंजर्वेशन रिजर्व वन क्षेत्र में रिलीज करना सबसे उपयुक्त स्थान माना.

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कोरोना संक्रमण काल बना बाधा :कोरोना संक्रमण काल के दौरान (Okhi Injured and stranded during cyclone) इसे शिफ्ट नहीं किया जा सका. इस दौरान नागरकोइल के पास उदयगिरि में इसके लिए एक एवियरी बनाया गया. कोरोना काल के बाद सभी एयरलाइंस ने इसे स्थानांतरित करने से मना कर दिया, तब कैबिनेट के हस्तक्षेप से एयर इंडिया ने इसे लाने की सहमति दी. इसके बाद इसी वर्ष 13 अक्टूबर को इसे कन्याकुमारी से चेन्नई तक सड़क मार्ग से और 3 नवंबर को चेन्नई से दिल्ली और बाद में दिल्ली से जोधपुर एयर इंडिया के विमान से लाया गया.

जोधपुर के उप वन संरक्षक संदीप छलाणी, वन्य जीव चिकित्सक डॉ. ज्ञान प्रकाश और कन्याकुमारी (Okhi Released in Bikaner) के वन विभाग कार्मिक राजा वाचर गुरुवार को इसे बीकानेर लेकर पहुंचे. इस संबंध में कन्याकुमारी के उप वन संरक्षक एम. इलेराजा भी बीकानेर पहुंचे. उप वन संरक्षक (वन्यजीव) कार्यालय के पीछे स्थित बड़े पिंजरे में पुनर्वासित करते हुए इस पर नजर रखी गई. इस दौरान गिद्ध संरक्षण क्षेत्र में पानी की व्यवस्था की गई और डेड बॉडीज रखे गए, जिससे इसे पर्याप्त भोजन मिल सके.

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अधिकारियों की मौजूदगी में किया रिलीज :गुरुवार को संभागीय आयुक्त डॉ. नीरज के. पवन, संभागीय मुख्य वन संरक्षक हनुमानाराम चौधरी, कन्याकुमारी के उप वन संरक्षक, एम. इलेराजा, बीकानेर के उप वन संरक्षक (वन्यजीव) डॉ. सुनील कुमार गौड़, उप वन संरक्षक वन्यजीव (जोधपुर) संदीप कुमार छलाणी, उप वन संरक्षक रंगास्वामी ई. एवं महेन्द्र कुमार कुमावत, भारतीय वन्यजीव संस्थान के वैज्ञानिक डॉ. के. सुरेश कुमार आदि की मौजूदगी में सिनेरियस वल्चर को जोड़बीड़-गाढ़वाला कंजर्वेशन रिजर्व गिद्ध संरक्षण क्षेत्र में छोड़ा गया. इसकी मॉनिटरिंग के लिए तीन कार्मिकों की नियुक्ति की गई है. रेस्क्यू कार्य की मॉनिटरिंग तमिलनाडु की अतिरिक्त मुख्य सचिव सुप्रिया साहू की ओर से की गई.

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