बीकानेर. इस साल का आखिरी चंद्रग्रहण शनिवार को होगा. शरद पूर्णिमा के दिन ग्रहण होने से लोगों को ग्रहण के प्रभाव को लेकर कई भ्रांतियां है. क्योंकि शरद पूर्णिमा की रात को खीर को खुले आसमान में चांद की रोशनी में रखकर अगले दिन ग्रहण करने की परंपरा है. माना जाता है इस दिन चंद्रमा सोलह कलाओं से परिपूर्ण होता है. लेकिन इस बार चंद्र ग्रहण होने के कारण खीर प्रसाद नहीं बनाया जा सकेगा. क्योंकि ग्रहण काल में विशेष परिस्थितियों को छोड़कर खाद्यान्न खाना निषेध बताया गया है.
इस साल का आखिरी अंतिम चंद्र ग्रहण 28-29 अक्टूबर की मध्य रात्रि को होगा. मंदिरों में भी शरद पूर्णिमा के चलते कपाट बंद होने से भगवान को खीर का भोग नहीं लगाया जा सकेगा. बीकानेर के पंडित पञ्चांगकर्ता राजेन्द्र किराडू ने बताया कि चंद्रग्रहण अश्विन शुक्ल पूर्णिमा को दिखाई देगा. शनिवार को यूरोप, एशिया, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, अमेरिका, हिन्द महासागर और सम्पूर्ण भारत में खंड ग्रास रूप में दिखाई देगा. इस ग्रहण का स्पर्श 28 अक्टूबर की रात को 1 बजकर 5 मिनट पर होगा. ग्रहण का मोक्ष रात्रि 2 बजकर 22 मिनट बजकर 39 सेकंड पर होगा. ग्रहण की कुल अवधि 1 घंटा 17 मिनट 21 सेकंड होगी. ग्रहण का सूतक शनिवार को शाम 4 बजकर 5 मिनट को ग्रहण का सूतक काल शुरू हो जाएगा.