बीकानेर. धनतेरस से शुरू हुआ दीपोत्सव का क्रम पांचवें दिन भाई दूज तक चलता है. बहन अपने भाई की दीर्घायु की कामना के लिए इस उत्सव को मनाती है. कार्तिक शुक्ल द्वितीया यानी भाई दूज को 5 दिवसीय दीपोत्सव की पूर्णाहुति होती है. हालांकि, इस बार ये पर्व दो अमावस्या तिथि होने के चलते 6 दिन का हो गया. इस बार भाई दूज का पर्व 15 नवंबर को होगा. रक्षाबंधन की तरह भाई दूज का पर्व भी बहन और भाई के प्यार और स्नेह का प्रतीक है. भाई दूज को शास्त्रों में यम द्वितीया भी कहा गया है. भाई दूज का पर्व यमराज और उनकी बहन यमुना से जुड़े हुए एक प्रसंग के बाद मनाया जाने लगा.
यमदुतिया स्नान की शुरू हुई परंपरा :भाई दूज के दिन यमद्वितीय स्नान यानी कि यमुना नदी में भाई स्नान करता है. मान्यता है कि यमराज भी जब पृथ्वी पर आए थे तो उन्होंने यमुना नदी में स्नान किया था और बहन के घर भोजन किया था. पंचांगकर्ता पंडित राजेंद्र किराडू ने बताया कि दीपोत्सव के दौरान पांच दिन तक शाम को घर के आगे चतुवर्ती दीपक जलाने से यमराज प्रश्न होते हैं और आयु वृद्धि होती है.