बीकानेर.कोरोना के चलते विद्यार्थियों को पिछले दो सालों में हुए शैक्षिक नुकसान की भरपाई (compensation for educational loss) के लिए शिक्षा विभाग ने जुलाई में "शिक्षा में बढ़ते कदम" अभियान की शुरुआत की थी. जिसका मकसद विद्यार्थियों के लर्निंग गैप को (Moving steps in education of Rajasthan) भरना था. शिक्षा विभाग की ओर से शैक्षिक सत्र 2022-23 में इस अभियान की शुरुआत की गई. जिसकी लॉन्चिंग मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने की (CM Ashok Gehlot launched) थी.
सीएम ने एक मोबाइल ऐप लॉन्च किया था, जिसे प्रदेश के सभी शिक्षकों ने डाउनलोड किया और इसके जरिए बच्चों को विषय संबंधी अपडेट दिए जाते रहे. साथ ही कोरोनाकाल में विद्यार्थियों को हुए शैक्षिक नुकसान की भरपाई के लिए तीन महीने के लिए ब्रिज कोर्स की शुरुआत की गई. यह कार्यक्रम प्रदेश के सभी विद्यालयों में कक्षा 1 से 8 तक के विद्यार्थियों के लिए अनिवार्य किया गया. जिसका एक मात्र उद्देश्य विद्यार्थियों के लर्निंग गैप को भर उन्हें अपग्रेड करना था.
वहीं, अब अभियान के तहत आगामी 3 से 5 नवंबर तक विद्यार्थियों की दक्षता परीक्षा होगी. साथ ही बताया गया कि इस परीक्षा में कक्षा 3 से 8 तक के विद्यार्थी शामिल होंगे. जिनके हिंदी, गणित और अंग्रेजी के स्तर की जांच होगी. इधर, माध्यमिक शिक्षा निदेशालय में अभियान को लेकर बनाए गए प्रकोष्ठ की सेक्शन ऑफिसर तमन्ना ने बताया कि हमारा उद्देश्य केवल बच्चों को उनकी समझ के स्तर को अपडेट का है. ताकि कोरोनाकाल में शैक्षणिक व्यवस्था को हुए नुकसान को फिर से दुरुस्त किया जा सके.