भीलवाड़ा. जिले भर में चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि के दिन आज मंगलवार को दशा माता का पूजन किया गया. शहर में जहां एक तरफ कोरोना पर आस्था भारी दिखी तो वहीं कई जगहों पर महिलाओं ने मास्क लगाकर पूजा की. परिवार में सुख, शांति और समृद्धि के साथ सुहाग की लंबी उम्र के लिए महिलाओं ने दशा माता की पूजा की. वहीं इस दौरान महिलाओं में कोरोना का असर भी देखने को मिला जिसमें महिलाओं ने मास्क लगाकर सोशल डिस्टेंसिंग के साथ मंदिरों में दशा माता की पूजा की.
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दशा माता की पूजा करने आई महिला दीपिका ने कहा कि आज के दिन घर में सुख-शांति और अपने सुहाग की लंबी उम्र को लेकर महिलाएं माता की पूजा करती हैं. वहीं प्रदेश में बढ़ रहे कोरोना संक्रमण को देखते हुए इस बार हम मास्क लगाकर दशामाता की पूजा करने आए हैं. हमारा मानना है कि जब तक कोरोना गाइडलाइन के पालना नहीं करेंगे तब तक घर में सुख शांति नहीं आएगी. इस दिन दशा माता पूजन और व्रत परिवार को समस्याओं से मुक्ति प्रदान करने के साथ सुख समृद्धि और सफलता देने वाला होता है.
महिलाओं ने कच्चे सूत का 10 तार का डोरा लगाकर उसमें 10 गांठ लगाई और पीपल वृक्ष के तने पर कुमकुम, मेहंदी, लच्छा सुपारी आदि से पूजा के बाद सूत लपेट और पीपल के पेड़ की पूजा की. डोरे की पूजा करने के बाद पूजा स्थल पर नल दमयंती की कथा सुनी. वहीं डोरे को गले में धारण किया. पूजन के बाद महिलाओं ने घर पर हल्दी कुमकुम के छापे लगाए जाते हैं. दूसरी तरफ मीना जैन का कहना है कि महिलाएं इस दिन घर की साफ-सफाई कर कचरा बाहर फेंक कर घर की दशा सुधारने का प्रयास करती हैं. मान्यता है कि दशा माता व्रत को विधि विधान से पूजन व्रत करने पर 1 साल के भीतर जीवन से जुड़े दुख और समस्या दूर हो जाती है. इसी के साथ हम सभी महिलाओं ने मास्क पहनकर सोशल डिस्टेंसिंग के साथ पूजा की है.