भीलवाड़ा. बुद्ध पूर्णिमा को भीलवाड़ा जिले के 6 रेंज क्षेत्र के 55 वाटरफॉल सेंटर पर सोमवार सुबह वन्यजीव की गणना शुरू हुई जो मंगलवार को पूरी हो चुकी है. इस बार हुई वन्यजीव गणना में टाइगर को छोड़कर भालू, पैथर सहित कई तरह के वन्यजीव दिखाई दिए. वन्य जीव की गणना को लेकर भीलवाड़ा वन विभाग के उप वन संरक्षक देवेंद्र प्रताप सिंह जागावत ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि भीलवाड़ा जिले में 6 रेंज के 55 वॉटर होल पर स्टाफ, वन्यजीव प्रेमी और वन सुरक्षा समिति के सदस्यों के सहयोग से मंगलवार सुबह 8:00 बजे तक वन्य जीव की गणना पूरी हुई है. अभी हम सभी जगह के डाटा एकत्रित कर रहे हैं.
जागावत ने कहा कि भीलवाड़ा जिला वन्यजीवों की दृष्टि से धनी जिला है. इसमें सभी तरह के वन्य जीव पाए (Wildlife Census completed in Rajasthan) जाते हैं सिवाय टाइगर के. सोमवार से हुई गणना में मुख्य रूप से चिंकारा, पैंथर, काला हिरण, भालू, सियार, जरख के अलावा कई तरह के वन्यजीव देखने को मिले हैं. उप वन संरक्षक ने कहा की भीलवाड़ा जिले में अमूमन हर बार पैंथर दिखाई देता है. इस बार भी करेड़ा क्षेत्र के भोजा पायरा के पास पैंथर दिखाई दिया. पैंथर की संख्या में के बारे में आकलन नहीं कर सकते हैं.
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उन्होंने कहा कि जिले के अन्य क्षेत्रों में भी पैंथर घूमते हैं, जहां वाटरफॉल होते हैं वहां पर पैथर पानी पी लेता है. इसलिए पैंथर सभी जगह घूमते रहते हैं. गणना के दौरान काफी संख्या में वन्यजीव दिखाई देने से हम मान रहे हैं कि जिले में सभी तरह के वन्य जीव पाए जा रहे हैं. उप वन संरक्षक ने कहा कि वन्य जीव की गणना की दृष्टि से जो वन्यजीव दिखाई दिए हैं, निश्चित रूप से भीलवाड़ा जिला आने वाले समय में पर्यटक की दृष्टि से प्रसिद्ध होगा. हाल ही में बूंदी के पास टाइगर प्रोजेक्ट पास हुआ है, जिसमें हमारे भीलवाड़ा जिले का बिजोलिया वन क्षेत्र भी आ रहा है.