भीलवाड़ा. जिले की सहाड़ा विधानसभा क्षेत्र में जैसे-जैसे मतदान की तारीख नजदीक आ रही है. उसी तरह सहाड़ा विधानसभा क्षेत्र के मतदाता इस भीषण गर्मी में गन्ने के रस की मिठास के साथ ही चुनाव पर चर्चा करने में जुट गए हैं. जहां गन्ने की मिठास के साथ ही आम मतदाताओं ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि इस उपचुनाव में हम पेयजल सड़क और महंगाई के मुद्दे के साथ ही जो हमारे बीच बैठकर हमारी बात सुनेंगे, उन्हीं को हम मतदान करेंगे.
सहाड़ा विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव आम जनता की मांग भीलवाड़ा में विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के स्वर्गीय विधायक कैलाश त्रिवेदी का कोरोना से निधन के बाद वर्तमान में उपचुनाव में प्रचार हो रहा है, जहां चुनाव मैदान में 8 प्रत्याशी अपना भाग्य आजमा रहे हैं और मतदाताओं से अपने पक्ष में मतदान की अपील कर रहे हैं. 17 अप्रैल को मतदान होगा. मतदान की तारीख नजदीक आते ही सहाड़ा विधानसभा क्षेत्र के आम मतदाता भी इस भीषण गर्मी में गन्ने के रस की मिठास के साथ ही चुनाव में मतदान को लेकर चर्चा में जुट गए हैं और आपस में प्रत्याशियों के बारे में चर्चा कर रहे हैं.
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ईटीवी भारत की टीम भीलवाड़ा जिले के सहाड़ा विधानसभा क्षेत्र से गुजरने वाले भीलवाड़ा-राजसमंद राष्ट्रीय राजमार्ग पर भुणास गांव के पास पहुंची जहां भुणास गांव के चौराहे पर गन्ने की चरखी पर बैठे आम मतदाता भीषण गर्मी में गन्ने की रस की मिठास के साथ चुनाव की चर्चा में जुटे हुए थे, जहां उन्होंने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि हम इस उपचुनाव में बिजली महंगी, पानी की समस्या के साथ ही पेट्रोल महंगा इन्हीं मुद्दों को लेकर चर्चा कर रहे हैं. वर्तमान में चुनाव प्रचार के लिए क्षेत्र में काफी राजनेता आ रहे हैं लेकिन वह जीतने के बाद राजनेता बिल्कुल नजर नहीं आते हैं और आमजन की समस्या धरी रह जाती है.
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क्षेत्र के ओमप्रकाश गाडरी ने कहा कि हम चुनाव को लेकर चर्चा कर रहे हैं. सहाड़ा विधानसभा क्षेत्र में अधिकतर पानी की समस्या है. अभी तक क्षेत्र के कई गांवों में चंबल का पानी नहीं पहुंचा है. इसलिए इस भीषण गर्मी में हमारे को सूखे कंठ तृप्त करने के लिए भी समस्या हो रही है. साथ ही बुजुर्ग रामकिशन ने कहा कि चुनाव को लेकर हम चर्चा में जुटे हुए हैं. काफी लंबे समय से विधानसभा क्षेत्र में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है लेकिन हम इस चुनाव में मूलभूत सुविधाओं के साथ ही जो जीतने के बाद अपनों के बीच बैठकर अपनी समस्या सुने, उन्हीं को हम मतदान करेंगे.