राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / state

यहां धनतेरस पर बर्तन या सोना नहीं लाल मिट्टी घर लाती हैं महिलाएं, देखें मेवाड़ की अनूठी पंरपरा - भीलवाड़ा में धनतेरस

धनतेरस पर सोना-चांदी और धातु खरीदने की परंपरा तो सुनी होगी लेकिन मेवाड़ में धनतेरस पर लाल मिट्टी घर लाया जाता है. मेवाड़ की महिलाएं सुबह उठकर विधिवत पूजा कर मिट्टी घर लाती हैं. यहां मान्यता है कि जितनी अधिक मिट्टी वो घर ले जाएंगी, उतना अधिक धन घर आएगा. पढ़िए ये स्पेशल खबर....

dhanteras 2020 puja, मेवाड़ में धनतेरस
मेवाड़ में धनतेरस पर मिट्टी का पूजने की परंपरा

By

Published : Nov 13, 2020, 10:41 AM IST

Updated : Nov 13, 2020, 10:58 AM IST

भीलवाड़ा. धनतेरस का त्योहार इस बार 13 नवंबर को यानि शुक्रवार को है. धनतेरस पर भगवान कुबेर और धन की देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है. मान्यता है कि इस दिन सोना, चांदी और ज्वेलरी खरीदना शुभ है लेकिन मेवाड़ में धनतेरस को लेकर एक अनोखी मान्यता है. यहां धनतेरस के दिन मिट्टी पूजन कर उसे घर लाने की परंपरा है.

मेवाड़ में धनतेरस पर मिट्टी का पूजने की परंपरा

दिवाली से पूर्व धनतेरस पर मेवाड़ की एक ऐसी परंपरा भी है, जिसमें धनतेरस पर घर धन के रूप में लाल मिट्टी लाई जाती है. ये परंपरा सदियों से चली आ रही है.

मान्यता है कि अधिक मिट्टी लाने से अधिक धन की होती है प्राप्ति

4 बजे सुबह उठकर करती हैं विधिवत पूजा

महिलाएं अल सुबह उठकर घर से बाहर मिट्टी लाने घर से बाहर जाती हैं. खाली बर्तनों में महिलाएं मिट्टी लेने जाते हैं. मान्यता है कि जो जितनी अधिक मिट्टी लेकर आएगा, उसके घर उतनी लक्ष्मी आएगी.

आंगन को लाल मिट्टी से लीपने की परंपरा

महिलाओं का मानना है कि इस मिट्टी को घर ले जाने से घर में लक्ष्मी का प्रवेश और धन का वास होता है. इसी लाल मिट्टी को शुभ मानते हुए घर के आंगन को लीप कर शुद्धीकरण किया जाता है. जिससे घर में लक्ष्मी का प्रवेश होता है.

भीलवाड़ा में महिलाओं ने की पूजा

मिट्टी खोदती महिलाएं

भीलवाड़ा में धनतेरस पर महिलाओं ने विधिवत इस परंपरा को निर्वहन किया. सुबह 4 बजे सैंकड़ों की संख्या में महिलाएं सज-धज कर बर्तन लेकर घर से बाहर निकली और लाल मिट्टी का पूजन किया. फिर ये महिलाओं ने बर्तनों में मिट्टी भरें और घर लौट आईं.

यह भी पढ़ें.Special: कुम्हारों की होगी हैप्पी दिवाली, चीनी समान के बहिष्कार से बढ़ी दीयों की मांग

वहीं पूजा करने आई महिला नीलम शेखावत कहती हैं कि आज धनतेरस का पर्व है और हम सभी महिलाएं यहां पर मिट्टी लेने के लिए आए हैं. जिससे हम धन का प्रतीक मानते हैं क्योंकि पौराणिक काल में अनाज-धान को धन माना जाता था. खेत की मिट्टी से घर को भी बनाया जाता था. यह परंपरा कई सदियों से चली आ रही है. हमारे माता-पिता ने इस परंपरा को निभाया, हम अब इसे आगे बढ़ा रहे हैं. हम इस मिट्टी की पूजा कर अपने घर ले जाएंगे.

मिट्टी को माना जाता है पवित्र

मिट्टी लेकर घर जाती महिलाएं

लाल मिट्टी को सबसे पवित्र मिट्टी माना जाता है. वहीं जिसमें सभी महिलाएं अल्प सुबह उठकर दीपक, कमकुम, जल, अगरबत्ती और धान से मिट्टी की पूजा करती हैं.

यह भी पढ़ें.SPECIAL: बूंदी के कुम्हारों में जगी उम्मीद की रोशनी, इस साल ये भी मनाएंगे दिवाली

दूसरी श्रद्धालु सुनीता रानी शर्मा का कहना है कि मिट्टी से ही जन्मे हम, मिट्टी से ही मिला दान, वह मिट्टी से ही बना हमारा घर. जिसके चलते हिंदू संप्रदाय में मिट्टी सबसे बड़ा महत्व है. वहीं जितनी मिट्टी हम हमारे घर ले जाएंगे, उतना ही घर में धन आएगा.

Last Updated : Nov 13, 2020, 10:58 AM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details