भीलवाड़ा. भारत के मैनचेस्टर कहे जाने वाले भीलवाड़ा शहर के जुनावस में पटवारियों के मंदिर पर सदियों से कायम सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल आज भी बदस्तूर जारी है. पटवारी परिवार के राकेश कुमार पटवारी कहते है कि पिछले 200 वर्षों पूर्व हमारे बड़े बुजुर्गों ने यहां से मोहर्रम के गुजरने पर प्रशाद चढ़ाकर उनका स्वागत किया था.
भीलवाड़ा: मुहर्रम में दिखी हिंदू-मुस्लिम सद्भावना की अनोखी मिसाल, 200 वर्षों से कायम है यह परंपरा - Bhilwara news
भारत के मैनचेस्टर कहे जाने वाले भीलवाड़ा शहर के जुनावस में पटवारियों के मंदिर पर पिछले 200 वर्षों से कायम सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल आज भी बदस्तूर जारी है. यहां पर हर वर्ष ताजिये के आने पर मंदिर परिवार की ओर से प्रशाद चढ़ाई जाती है. तो वही मुस्लिम परिवार भी ताजिया की ओर से मंदिर में प्रसाद चढ़ाते है. यहां पर ताजिया आने पर उनका स्वागत किया जाता है.
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जो मुस्लिम परिवार ने भी मंदिर में प्रसाद चढ़ाई थी. इसके बाद से यह परंपरा अनवरत जारी है. वहीं मोहर्रम को लेकर आए मुस्लिम परिवार के अहमद मंसूरी कहते है कि हम बड़े बुजुर्गों की रस्म को मिल बैठकर मानते है और आने वाले समय में भी इसी तरह मानते रहेंगे. ताकि शहर में हिंदू-मुस्लिम में भाईचारा बना रहे.