भीलवाड़ा. जिले से कोरोना की चेन को कम करने के लिए पूरे देश में भीलवाड़ा एक मॉडल के रूप में उभर रहा है. जहां प्रदेश के मुख्यमंत्री सहित केंद्रीय कैबिनेट सचिव भी भीलवाड़ा मॉडल की तारीफ कर रहे हैं. जिला कलेक्टर राजेंद्र भट्ट ने ईटीवी भारत को दिए इंटरव्यू में बताया कि कैसे उन्होंने कोरोना खिलाफ लड़ाई लड़ी...
प्रदेश में कोरोना पॉजिटिव की शुरुआत भीलवाड़ा से हुई थी. जिसमें एक डॉक्टर कोरोन पॉजिटिव पाए गए थे. उसके बाद शहर में कर्फ्यू और जिले में लॉकडाउन कर दिया गया. वहीं 3 अप्रैल से भीलवाड़ा शहर में 'महा कर्फ्यू' लगा हुआ है. कोरोना की चेन अब धीरे-धीरे भीलवाड़ा जिले से खत्म हो रही है. कोराना की चेन खत्म होने के कारण और ठोस प्रशासकीय कारणों के कारण भीलवाड़ा एक मॉडल के रूप में देश में उभरा है. जिसकी तारीफ कैबिनेट सचिव, मुख्यमंत्री ने भी की. भीलवाड़ा मॉडल को लेकर जिला कलेक्टर राजेंद्र भट्ट ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि भीलवाड़ा मॉडल 6 चीजों को जोड़कर बना है.
कोरोना मरीज मिलने के बाद घर-घर सर्वे
जिला कलेक्टर ने बताया कि सबसे पहले आइसोलेशन पर ध्यान दिया. स्ट्रेटजी यह है कि जिले में जिस जगह भी कोरोना वायरस का मरीज पाए जाते हैं, वहां सबको आइसोलेट कर दिया जाता है. उस क्षेत्र को पूरी तरह से सील कर कर दिया जाता है. उसके बाद उस एरिया के घर-घर में सर्वे करवाया जाता है.
क्वॉरेंटाइन के लिए होटल, हॉस्टल और प्राइवेट हॉस्पिटल का अधिग्रहण
जिस एरिया में कोरोना पॉजिटिव सामने आए वहां सभी लोगों की प्रतिदिन स्क्रीनिंग की गई. भले ही उनमें लक्षण आए या नहीं. इस दौरान जो कोरोना पॉजिटिव आते हैं, उनको और उनके नजदीकी रिश्तेदारों की भी आइसोलेशन वार्ड में रखा जाता है. वहीं दूर के रिश्तेदारों को होम क्वॉरेंटाइन में रखा जाता है. इस तरह बहुत सारी क्वॉरेंटाइन फैसिलिटी और आइसोलेशन वार्ड के लिए जरूरत होती है. यह सब एक अस्पताल कोविड-19 में उपलब्ध होने चाहिए. इनके लिए हमने प्राइवेट हॉस्पिटल, छात्रावास और होटलों का अधिग्रहण भी किया.
एरिया सील के साथ सैनिटाइजेशन भी जरूरी
राजेंद्र भट्ट ने कहा कि जहां पॉजिटिव मरीज मिला, उसे मुख्य बिंदु मानते हुए 1 किलोमीटर के एरिया को सील बंद किया गया. प्रतिदिन उस एरिया में सोडियम हाइपोक्लोराइट का छिड़काव किया गया. व्यक्तियों को घर में रखने की अपील की और उनको घर में प्रत्येक वस्तु प्रशासन ने घर पर उपलब्ध करवाई. इन सारे प्रयासों को जोड़ते हैं तो एक मॉडल बनता है.