भीलवाड़ा. प्रदेश में कोरोना वायरस का पहला केस भीलवाड़ा शहर में 19 मार्च 2020 को सामने आया था. 19 मार्च 2020 को भीलवाड़ा के एक निजी चिकित्सालय के 3 डॉक्टर और 3 कंपाउंडर कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे. इसके बाद भीलवाड़ा शहर में 57 दिन तक कर्फ्यू लगा रहा. कर्फ्यू के दौरान आम जन के साथ ही गरीब, किसान और मजदूर को काफी समस्या का सामना करना पड़ा.
पढ़ें- कोविड नियंत्रण के लिए सभी संसाधनों और उपायों को दुरुस्त करें: CM गहलोत
भीलवाड़ा शहर प्रदेश का पहला हॉटस्पॉट जिला बन गया था, उसके बाद तत्कालीन जिला कलेक्टर राजेंद्र भट्ट और तत्कालीन पुलिस अधीक्षक हरेंद्र महावर सहित चिकित्सा विभाग की टीम के अथक मेहनत के कारण कोरोना संक्रमण में धीरे-धीरे कमी आई थी. इसकी केंद्रीय कैबिनेट सचिव राजीव गाबा ने भी तारीफ की थी.
कोरोना के एक साल पूरे होने पर स्थानीय कल्याण सिंह ने कहा कि ऐसा समय भविष्य में कभी नहीं आए. हमें अभी भी कोरोना गाइडलाइन की पालना करनी चाहिए. वहीं, शक्ति सिंह राठौड़ ने कहा कि जब देश में लॉकडाउन लगाया गया था तो जनता को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा था. उन्होंने कहा कि अभी भी कोरोना खत्म नहीं हुआ है, इसलिए हमें सावधानी बरतनी चाहिए.