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आरक्षण के लिए जो संघर्ष हो रहा है, उसकी सारी जिम्मेदारी गहलोत सरकार की है:  प्रदेश अध्यक्ष, राजस्थान गुर्जर महासभा

राजस्थान में गुर्जर आंदोलन को लेकर माहौल गर्म है. इसी बीच राजस्थान गुर्जर महासभा के प्रदेश अध्यक्ष कालू लाल गुर्जर ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि जो पूर्व में फैसले हुए हैं, सरकार उनको क्रियान्वित करें नहीं तो राजस्थान का गुर्जर चुप नहीं बैठेगा. वहीं उन्होंने कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के आदेश के बाद भीलवाड़ा जिले में भी आंदोलन की रणनिति तय करने की बात कही है.

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Published : Nov 2, 2020, 2:15 PM IST

Kalu Lal Gurjar, Gurjar movement
राजस्थान गुर्जर महासभा के प्रदेश अध्यक्ष से खास बातचीत

भीलवाड़ा. राजस्थान में गुर्जर आरक्षण की मांग एक बार फिर पुरजोर तरीके से मुखर हो गई है. इसी बीच राजस्थान गुर्जर महासभा के प्रदेशा अध्यक्ष और भाजपा के पूर्व मंत्री कालू लाल गुर्जर ने कहा कि आरक्षण को लेकर जो वर्तमान में संघर्ष चल रहा है, उसकी सारी जिम्मेदारी अशोक गहलोत की है. उन्होंने सरकार को चेतावनी है कि आरक्षण को लेकर पूर्व में लिए गए फैसले लागू करे नहीं तो राजस्थान का गुर्जर चुप नहीं बैठेगा.

राजस्थान गुर्जर महासभा के प्रदेश अध्यक्ष से खास बातचीत

राजस्थान में गुर्जर आरक्षण की मांग को लेकर कई जिलों में धरना, प्रदर्शन, रेल रोकने की कोशिश की जा रही है. इसी बीच राजस्थान गुर्जर महासभा के प्रदेश अध्यक्ष व भाजपा के पूर्व मंत्री कालूलाल गुर्जर ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. जिसमें उन्होंने कहा कि आरक्षण को लेकर पहले हमारी प्रमुख मांग यह थी कि राजस्थान में गुर्जरों को पहले एसटी में शामिल करके आरक्षण दिया जाए लेकिन वह आंदोलन पहले चला था. उस समय हमारे कुछ समाज के लोग शहीद हुए थे. उनके बाद सरकार के साथ समझौता हुआ कि एसटी का आरक्षण यह सरकार नहीं दे सकती है.

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साथ ही कालू लाल गुर्जर ने कहा कि बाद में सरकार के साथ समझौता हुआ, उसी के आधार पर समझौता होकर 5 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रावधान किया गया. उसके बाद कोर्ट ने उसको भी खारिज कर दिया था लेकिन इस समय में एसबीसी के बजाय एमबीसी में 5 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है. लेकिन यह आरक्षण लागू करने के साथ-साथ समझौते में जो शर्त तय की गई थी, उनकी सरकार पालना नहीं कर रही है. इसलिए आज फिर से समाज मजबूर होकर पटरियां उखाड़ रहा है और वापस आंदोलन करना पड़ रहा है.

'समझौता लागू नहीं होने पर आंदोलन के बजाय क्या बचता है'

कालू लाल गुर्जर ने कहा कि मुझे दुख है कि सरकार जो समझौता करती है, उसके बाद भी उसको पूरा नहीं करे तो गुर्जरों के पास आंदोलन के बजाय क्या बचता है. पूर्व मंत्री ने बताया कि मैं राजस्थान गुर्जर महासभा का प्रदेश अध्यक्ष हूं लेकिन आरक्षण के लिए एक कमेटी बनाई है. उस कमेटी का नाम गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति है. उनके संयोजक कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला है. उस कमेटी के सदस्य व कर्नल जो निर्णय लेते हैं उनका हम पालन करते हैं.

आंदोलन के लिए पहले भी सहयोग करता था, अभी भी करता रहूंगा

गुर्जर महासभा के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि राजस्थान गुर्जर महासभा के नाते जब भी हमको कमेटी द्वारा जो निर्देश दिए जाएगा, उनका मैं महासभा के नाते सहयोग पहले भी करता था, अभी भी करता रहूंगा. वर्तमान में गुर्जर आरक्षण आंदोलन में भाग लेने की क्या निर्देश हैं के सवाल पर कालू लाल गुर्जर ने कहा कि जब पहले आंदोलन उग्र हुआ था, तब हमें निर्देश मिले थे लेकिन वर्तमान समय में हमारे को कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के द्वारा कोई निर्देश नहीं मिले हैं. जब भी मेरे को कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला से निर्देश मिल जाएंगे तो उनके निर्देश के अनुसार राजस्थान गुर्जर महासभा के जिला अध्यक्ष होने के नाते पालन करूंगा. पहले भी हमने उनके निर्देश पर यहां रेल रोकने का आंदोलन भी किया था.

सरकार को कालू लाल गुर्जर ने दी चेतावनी

गुर्जरों में दो गुट होना दुर्भाग्य

वहीं गुर्जरों में दो पक्ष होने के सवाल पर राजस्थान गुर्जर महासभा के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि यह दुर्भाग्य है. हम तो यह कहते हैं कि दोनों को मिलकर आरक्षण के लिए साथ आना चाहिए. सभी गुर्जर एक हैं. मैं तो यह भी कहना चाहता हूं कि दोनों गुटों को छोड़ो और दोनों एक स्थान पर आएं. जब सरकार के साथ समझौता हुआ तो उसको लागू करना चाहिए. कालू लाल गुर्जर ने चेतावनी दी कि अगर आरक्षण लागू नहीं करेंगे तो फिर उग्र आंदोलन होगा और जगह-जगह जाम किया जाएगा. अराजकता फैलेगी, जिसकी जिम्मेदारी वर्तमान सरकार की होगी.

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भीलवाड़ा में क्या आंदोलन की रूपरेखा रहेगी ?

भीलवाड़ा में गुर्जर आंदोलन की रणनीति पर उन्होंने कहा कि हम गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के साथ हैं. आज भी हम आंदोलन करने के लिए संघर्ष समिति के निर्देशों का इंतजार कर रहे हैं. आरक्षण को लेकर जो संघर्ष चल रहा है, उसका सारा दोष गहलोत सरकार का है. मैं सरकार को चेतावनी देना चाहता हूं की सरकार समय रहते मांगे मान ले नहीं तो राजस्थान का गुर्जर चुप नहीं बैठेगा.

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