भीलवाड़ा. राजस्थान में गुर्जर आरक्षण की मांग एक बार फिर पुरजोर तरीके से मुखर हो गई है. इसी बीच राजस्थान गुर्जर महासभा के प्रदेशा अध्यक्ष और भाजपा के पूर्व मंत्री कालू लाल गुर्जर ने कहा कि आरक्षण को लेकर जो वर्तमान में संघर्ष चल रहा है, उसकी सारी जिम्मेदारी अशोक गहलोत की है. उन्होंने सरकार को चेतावनी है कि आरक्षण को लेकर पूर्व में लिए गए फैसले लागू करे नहीं तो राजस्थान का गुर्जर चुप नहीं बैठेगा.
राजस्थान में गुर्जर आरक्षण की मांग को लेकर कई जिलों में धरना, प्रदर्शन, रेल रोकने की कोशिश की जा रही है. इसी बीच राजस्थान गुर्जर महासभा के प्रदेश अध्यक्ष व भाजपा के पूर्व मंत्री कालूलाल गुर्जर ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. जिसमें उन्होंने कहा कि आरक्षण को लेकर पहले हमारी प्रमुख मांग यह थी कि राजस्थान में गुर्जरों को पहले एसटी में शामिल करके आरक्षण दिया जाए लेकिन वह आंदोलन पहले चला था. उस समय हमारे कुछ समाज के लोग शहीद हुए थे. उनके बाद सरकार के साथ समझौता हुआ कि एसटी का आरक्षण यह सरकार नहीं दे सकती है.
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साथ ही कालू लाल गुर्जर ने कहा कि बाद में सरकार के साथ समझौता हुआ, उसी के आधार पर समझौता होकर 5 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रावधान किया गया. उसके बाद कोर्ट ने उसको भी खारिज कर दिया था लेकिन इस समय में एसबीसी के बजाय एमबीसी में 5 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है. लेकिन यह आरक्षण लागू करने के साथ-साथ समझौते में जो शर्त तय की गई थी, उनकी सरकार पालना नहीं कर रही है. इसलिए आज फिर से समाज मजबूर होकर पटरियां उखाड़ रहा है और वापस आंदोलन करना पड़ रहा है.
'समझौता लागू नहीं होने पर आंदोलन के बजाय क्या बचता है'
कालू लाल गुर्जर ने कहा कि मुझे दुख है कि सरकार जो समझौता करती है, उसके बाद भी उसको पूरा नहीं करे तो गुर्जरों के पास आंदोलन के बजाय क्या बचता है. पूर्व मंत्री ने बताया कि मैं राजस्थान गुर्जर महासभा का प्रदेश अध्यक्ष हूं लेकिन आरक्षण के लिए एक कमेटी बनाई है. उस कमेटी का नाम गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति है. उनके संयोजक कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला है. उस कमेटी के सदस्य व कर्नल जो निर्णय लेते हैं उनका हम पालन करते हैं.