भीलवाड़ा. जिले में कोरोना केस की संख्या में कमी आ रही है. दूसरी ओर भीलवाड़ा सहित पूरे प्रदेश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर के बाद अब संक्रमण की तीसरी लहर की चिंता सताने लगी है. जिसमें स्वास्थ्य विभाग ने कोरोनावायरस की तीसरी लहर की अब बच्चों के चपेट में आने की आशंका जताई गई है. कोविड-19 की तीसरी लहर को लेकर भीलवाड़ा का स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह तैयार है.
भीलवाड़ा जिला अस्पताल में स्पेशल वार्ड तैयार भीलवाड़ा के महात्मा गांधी चिकित्सालय में अस्पताल अधीक्षक अरुण गौड़ और मातृ एवं शिशु चिकित्सालय इकाई प्रभारी डॉक्टर इंदिरा सिंह के नेतृत्व में बच्चों के लिए एक स्पेशल कोरोना वार्ड गया है. जिसमें बच्चों के लिए हर तरह की संभव व्यवस्थाएं की गई है. जिससे बच्चों के संक्रमित होने पर उनका तुरंत इलाज किया जा सके. बच्चों के हिसाब से अच्छे माहौल के लिए कोरोना वार्ड में कार्टून और फनी पोस्टर भी लगाए गए हैं.
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महात्मा गांधी चिकित्सालय के प्रिंसिपल मेडिकल ऑफिसर डॉ. अरुण गौड़ ने कहा कि कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर को लेकर अब बच्चों में संक्रमण ज्यादा फैलने की संभावना जताई जा रही है. 1 साल से छोटे बच्चे उनके भी संक्रमित होने की संभावना जताई जा रही है. खतरे को देखते हुए हमने महात्मा गांधी चिकित्सालय परिसर स्थित मातृ एवं शिशु चिकित्सालय इकाई के 50 बेड के अलावा और 50 बेड से अधिक की व्यवस्था एमजी अस्पताल में की है. जिसमें हमने 10 बेड पिडेक्टरी आईसीयू बनाई है और 6 बेड की एनआईसीयू बनाई है. बचे हुए 36 खाट दूसरे बच्चों के लिए की हुई है. यहां पर सभी बेड ऑक्सीजन पाइप लाइन युक्त है. इसी के साथ ही यदि संक्रमण फैलने के साथ मरीज बढ़ते हैं तो हमारे पास ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मशीन है. गंभीर मरीजों के लिए हमने 7 वेंटिलेटर की भी व्यवस्था की हुई है. जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर्स को भी आईसीयू में प्रशिक्षित किया जा रहा है. इसके अलावा हमारे पास रेडियंस वार्मर और 4-5 पेड्रीटिशियन भी हैं.
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इसके साथ ही जिला प्रशासन और जिला कलेक्टर शिवप्रसाद एम नकाते की ओर से अग्रवाल उत्सव भवन में बने कोविड-19 केयर सेंटर में 80 बेड ऑक्सीजन युक्त व्यवस्था की गई है. डॉक्टर ने बताया कि आने वाले समय में यदि और आवश्यकता पड़ी तो हम ईएसआई अस्पताल को भी बच्चों के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं. हर तरह से कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर में यदि बच्चे संक्रमित होते हैं तो हम उसके लिए तैयार हैं.
मातृ एवं शिशु चिकित्सालय इकाई की प्रभारी और शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर इंदिरा सिंह का कहना है कि संक्रमित मरीजों के लिए नर्सिंग स्टाफ और जूनियर डॉक्टर को तैयार किया जा रहा है. इसके साथ ही वार्ड में प्रत्येक मरीज की पूरी तरीके से राउंड-ओ क्लॉक मॉनिटरिंग की जाएगी और हर तरह की बारीकी पर नजर रखी जाएगी.