नवरात्रि में 9 दिन उमड़ता है श्रद्धा का सैलाब भीलवाड़ा.राजस्थान के जैसलमेर में जिस तरह भारत- पाक सीमा पर स्थित तनोट माता मंदिर की सेवा देश के वीर जवान करते हैं, उसी प्रकार भीलवाड़ा पुलिस लाइन में स्थित संतोषी माता के मंदिर की पूजा अर्चना पुलिस के जवान करते हैं. नवरात्रि के दौरान पुलिस लाइन में मेला जैसा माहौल रहता है.
पुलिस के जवान करते हैं उपासना:पुजारी और पुलिस कांस्टेबल महेश ने बताया कि भीलवाड़ा मेंं संतोषी माता के मंदिर की पूजा अर्चना पुलिस के जवान करते हैं .साल 1965 में भारत-पाक युद्ध के दौरान भीलवाड़ा पुलिस के कई जवान भी सीमावर्ती क्षेत्रों में आंतरिक सुरक्षा की ड्यूटी में जाते समय पुलिस लाइन स्थित संतोषी माता के दर्शन करके गए थे. युद्ध समाप्ति के बाद सभी सकुशल अपने घर लौटे थे. तभी से पुलिस लाइन में स्थापित संतोषी माता मंदिर के प्रति पुलिसकर्मियों की अगाध श्रद्धा बन गई. साथ ही मंदिर के पुजारी ने यह भी कहा कि मां के दरबार में आने वाले सभी भक्तों की मनोकामना पूर्ण होती है. कांस्टेबल और मंदिर के पुजारी ने कहा की पुलिस की ड्यूटी के साथ ही माता रानी की पूजा अर्चना करता हूं.
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58 सालों से हो रही पूजा-अर्चना:पिछले 58 साल से माता रानी की पूजा और आरती निरंतर हो रही है. मंदिर में कोई पुजारी नहीं बल्कि पुलिस लाइन में तैनात सिपाही ही माता रानी की पूजा-अर्चना करते हैं.संतोषी माता मंदिर में दोनों नवरात्रों में विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. साथ ही प्रत्येक शुक्रवार को विशेष पूजा अर्चना की जाती है. यहां पुलिसकर्मियों के परिजनों के अलावा भीलवाड़ा शहर के भी श्रद्धालु बड़ी संख्या में दर्शन करने आते हैं.
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नवरात्र में होती है विशेष पूजा:मंदिर के पुजारी और भीलवाड़ा पुलिस के कांस्टेबल महेश के अनुसार संतोषी माता का मंदिर का निर्माण साल 1965 में हुआ था.नवरात्रि में इस मंदिर की छटा देखते ही बनती है. श्रद्धालु पूरे नवरात्र के दौरान माता रानी के मंगल गीत का पाठ करते हैं.वही संतोषी माता मंदिर में नवरात्रि के मौके पर दर्शन करने आए श्रद्धालु यशवंत ने बताया कि नवरात्रि में माता की पूजा का विशेष महत्व है, यहां काफी संख्या में श्रद्धालु आते हैं .जिस तरह देश के अन्य मंदिरों में पूजा पंडित और पुजारी करते हैं, उसी प्रकार यहां इस मंदिर की सेवा पुलिस वाले ही करते हैं.