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संघ प्रचारक के खिलाफ ACB में दर्ज मामले में कालूलाल गुर्जर बोले- BJP को बदनाम करने के लिए संघ को घसीटा जा रहा

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Published : Jul 2, 2021, 3:42 PM IST

RSS के वरिष्ठ प्रचारक निम्बाराम के खिलाफ ACB में मामला दर्ज होने के बाद से भाजपा कांग्रेस पर लगातार निशाना साध रही है. पूर्व मंत्री कालूलाल गुर्जर ने कहा कि गहलोत सरकार भाजपा को बदनाम करने के लिए संघ को घसीट रही है, जो गलत है. संघ के प्रचारक पर आरोप बेबुनियाद है.

Kalulal Gurjar targets Congress,  Nimbaram name in BVG company case
BJP को बदनाम करने के लिए संघ को घसीटा जा रहा

भीलवाड़ा.राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के वरिष्ठ प्रचारक निम्बाराम के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) में मामला दर्ज होने पर पर भाजपा कांग्रेस पर हमलावर हो गई है. भाजपा के वरिष्ठ राजनेता और पूर्व मंत्री कालूलाल गुर्जर (Kalu Lal Gurjar) ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कांग्रेस सरकार पर जमकर निशाना साधा.

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कालूलाल गुर्जर ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के क्षेत्रीय प्रचारक निम्बाराम पर एसीबी (ACB) में कोई मामला दर्ज हुआ है, जिसमें उनकी कोई तथाकथित वीडियो में उपस्थिति बताई गई है. लेकिन मैं कहना चाहता हूं कि मैं स्वयं 1969 से लगातार संघ का स्वयंसेवक रहा हूं. क्षेत्रीय प्रचारक ऐसा पद है जहां परिवार और घर छोड़कर वे देश की सेवा के लिए समर्पित रहते हैं.

BJP को बदनाम करने के लिए संघ को घसीटा जा रहा

भाजपा को बदनाम करने की साजिश

RSS प्रचारक का पद इतना बड़ा होता है कि उनके खिलाफ ऐसी बात करना संभव नहीं है. गुर्जर ने कहा कि जो निम्बाराम पर आरोप लगाए जा रहे हैं, शायद आरोप लगाने वाला वाले को भी लगा होगा कि हम गलत आरोप लगा रहे हैं. कांग्रेस का मकसद तो सिर्फ भाजपा को बदनाम करना है और इसके लिए संघ को विशेष तौर पर घसीटा जा रहा है. कालूलाल गुर्जर ने कहा कि निम्बाराम ऐसे काम में शामिल नहीं हो सकते हैं. भाजपा को बदनाम करने के लिए कांग्रेस के पास कोई मुद्दा नहीं है, इसलिए निम्बाराम को निशाना बनाया जा रहा है.

शेखावत पर भी आरोप लगे थे लेकिन BJP पीछे नहीं हटी

गुर्जर ने कहा कि इससे पहले भी कांग्रेस की ओर से केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पर कई आरोप लगाए गए, लेकिन भाजपा कभी पीछे नहीं हटी. उन्होंने कहा कि निम्बाराम पर ACB में मामला दर्ज करने से उनकी छवि धूमिल नहीं होगी क्योंकि वह खरे सोने हैं.

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गहलोत सरकार अपने हरकतों से बाज आए

पूर्व मंत्री कालूलाल गुर्जर (Kalu Lal Gurjar) ने चेतावनी देते हुए कहा कि गहलोत सरकार ऐसी हरकतों से बाज आए नहीं तो भाजपा मुकाबला करने के लिए तैयार है. उन्होंने कहा कि जिस पार्टी का चरित्र ही बेकार है, वह भाजपा और RSS पर आरोप लगा रही है यह बेबुनियाद है. उन्होंने कहा कि मैं इसका विरोध करता हूं और इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए. साथ ही उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस के शासन में निष्पक्ष जांच नहीं होती है तो 2 साल बाद भाजपा का शासन आते ही निष्पक्ष जांच की जाएगी.

क्या है पूरा मामला...

राजधानी जयपुर के ग्रेटर नगर निगम की महापौर सौम्या गुर्जर के निलंबन के बाद अब बीवीजी कंपनी घूसकांड (BVG Bribery Case) ने सरकार और विपक्ष में तहलका मचा रखा है. सौम्या गुर्जर के पति राजाराम के खिलाफ इस घूसकांड में ACB में दर्ज मामले में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के क्षेत्रीय प्रचारक निम्बाराम का नाम भी शामिल है.

2017 में हुई थी योजना की शुरुआत

साल 2017 में तत्कालीन महापौर अशोक लाहोटी ने राजधानी में BVG कंपनी के जरिए डोर टू डोर कचरा संग्रहण करने की योजना की शुरुआत की थी. राजधानी में करीब 527 डोर टू डोर कचरा संग्रहण करने वाली गाड़ियां संचालित हैं. इनमें से BVG की गाड़ियां महज 106 हैं, जबकि 421 गाड़ियां उन वेंडर्स की हैं जिन्हें BVG ने सबलेट किया है, जोकि नियम विरुद्ध है.

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BVG कंपनी को नगर निगम प्रशासन ने जो काम सौंपा था, उसमें शर्तों की पालना नहीं हुई. बावजूद इसके BVG कंपनी ने अधूरे काम के 300 करोड़ से ज्यादा के बिल निगम को सौंप दिए. 100 फीसदी डोर टू डोर कचरा संग्रहण, कचरे का सेग्रीगेशन, हूपर्स में ट्रैकिंग सिस्टम, वेस्ट ट्रांसफर स्टेशन बनाकर मैकेनाइज सिस्टम से डंपिंग यार्ड तक कचरा पहुंचाने और शहर में ओपन कचरा डिपो हटाने जैसी शर्तों के साथ, BVG कंपनी को नगर निगम प्रशासन की ओर से काम सौंपा गया था, लेकिन इन शर्तों की पालना नहीं हुई. बावजूद इसके BVG कंपनी ने अधूरे काम के 300 करोड़ से ज्यादा के बिल निगम को सौंप दिए.

बता दें, BVG कंपनी देश के 70 से ज्यादा शहरों में काम कर रही है और जिसका सालाना टर्नओवर 2000 करोड़ से ज्यादा का है. कंपनी का दावा है कि निगम पर 302 करोड़ का बकाया है, लेकिन लूप पोल ये है कि 2 वर्षों से कंपनी के काम की थर्ड पार्टी से निगरानी ही नहीं हुई. ऐसे में एक सवाल यह भी उठ रहा है कि जब बिलों का वेरिफिकेशन ही नहीं हुआ है, तो उसका भुगतान कैसे हो रहा है. बताया जा रहा है इसी बिल में से 276 करोड़ रुपए के बकाया भुगतान को लेकर कथित डील हुई जिसके ऑडियो और वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुए हैं.

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