भीलवाड़ा. कैबिनेट मंत्री रामलाल जाट (Ramlal Jat Three Days Bhilwara Tour) ने कहा कि जन घोषणापत्र ही हमारी पहली प्राथमिकता है. अंतिम छोर पर बैठे मजदूर, किसान व व्यापारी को कोई दिक्कत नहीं होगी. मुख्यमंत्री द्वारा प्रत्येक दिन जन सुनवाई (Public Hearing) करने के सवाल पर कहा कि मुख्यमंत्री (CM Ashok Gehlot) को राजनीति में काफी लंबा अनुभव है. जो उन्होंने सीख दी है वह हमारे को मुफ्त मिली है. उस सीख को सभी को अपनाना चाहिए, वरना सलाह के लिए तो एडवोकेट को भी फीस देनी पड़ती है.
हाल ही में प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Gehlot Government) ने राजस्थान मंत्रिमंडल का पुनर्गठन किया था. जहां कई पुराने मंत्रियों के विभाग बदले गए और कई जगह दूसरे विधायकों को मौका मिला. जहां भीलवाड़ा जिले के मांडल विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के विधायक को मंत्रिमंडल में शामिल करते हुए कैबिनेट मंत्री बनाया गया. रामलाल जाट को राजस्व मंत्री का प्रभार दिया गया. जाट राजस्व मंत्री बनने के बाद पहली बार भीलवाड़ा जिले के तीन दिवसीय दौरे (Ramlal Jat Three days Bhilwara Tour) पर पहुंचे. भीलवाड़ा जिले की सीमा में गुलाबपुरा में प्रवेश के समय गुलाबपुरा व हुरडा क्षेत्र के कांग्रेसी सहित आमजन ने जाट का भव्य स्वागत किया.
मंत्री बनने के बाद पहली बार भीलवाड़ा पहुंचे रामलाल जाट... इस दौरान राजस्व मंत्री रामलाल जाट ने ईटीवी भारत (ETV Bharat Hindi News) से खास बातचीत करते हुए कहा कि जो हमारा जन घोषणापत्र है, वही हमारी प्राथमिकता है. मुख्यमंत्री ने बजट में जो घोषणा की है, वह सही ढंग से लागू हो, दूर-दराज तक गांव के हर मजदूर, किसान व व्यापारी को फायदा मिले, वही हमारी मुख्य प्राथमिकता रहेगी. वर्तमान समय में प्रशासन गांवों व शहरों के संग अभियान चल रहा है, वह हमारा ड्रीम प्रोजेक्ट है. इस समय प्रशासन गांवों के संग व शहरों के संग अभियान में 22 विभाग सम्मिलित हैं, जहां आमजन के हर काम आसानी से हो रहे हैं.
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वहीं, मुख्यमंत्री द्वारा प्रतिदिन जनसुनवाई करने के सवाल पर कैबिनेट मंत्री जाट ने कहा कि यहा बिल्कुल सही है. मुख्यमंत्री ने हमारे को जनसुनवाई की कहा है, मुख्यमंत्री को राजनीति में काफी लंबा अनुभव है. जितनी हमारी उम्र है, उतना तो मुख्यमंत्री को राजनीति करते समय हो गया है. मुख्यमंत्री के अनुभव से सीख कर हम काम करेंगे तो अच्छा रहेगा. मैं तो कहता हू कि जो मुख्यमंत्री ने जनसुनवाई की सीख दी है, उस सीख को सभी को मानना चाहिए. मंत्री के साथ ही जो जनप्रतिनिधि हैं, वे भी अगर मुख्यमंत्री की सीख को मानेंगे तो निश्चित रूप से फायदा होगा. मुख्यमंत्री ने सीख हमारे को नि:शुल्क दी है, वरना तो सलाह के लिए लोगों को एडवोकेट का सहारा लेना पड़ता है और उसको फीस का भुगतान करना पड़ता है.
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प्रदेश में किसान को छोटे-छोटे काम को लेकर तहसील के बार-बार चक्कर लगाने के सवाल पर जाट ने कहा कि राजस्व विभाग (Revenue Department) में करीब 22 विभाग के काम किए जाते हैं. जहां वर्तमान में आम लोगों के प्रशासन गांवों के संग अभियान के तहत अच्छा काम हो रहे है और जो कोई भी भ्रष्टाचार करता है, उन पर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) विशेष रूप से कार्रवाई करती है. वर्तमान में काफी जगह प्रदेश में राजस्व के मामले का डिजिटलीकरण हो गया है (Digitalization in Revenue Department) और कुछ जगह डिजिटलीकरण बाकी है. वह भी जल्द पूरा कर लिया जाएगा, जिससे अच्छी पारदर्शिता के साथ किसान का काम हो सके. हमारा उद्देश्य है कि अंतिम छोर पर बैठे किसान को अपने काम के लिए कहीं भटकना नहीं पड़े और ऑनलाइन प्रक्रिया (Online Process) से पूरी पारदर्शिता से काम हो सके.