भीलवाड़ा.प्रदेश के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी और मनरेगा के आयुक्त पीसी किशन एक दिवसीय भीलवाड़ा दौरे पर आए, जहां मनरेगा कार्य स्थल का निरीक्षण किया. निरीक्षण के बाद ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि देश में मनरेगा के क्षेत्र में राजस्थान नंबर वन है. पूर्व में यहां 5000 करोड़ का बजट था लेकिन इस बार 10 हजार करोड़ का मनरेगा में बजट है.
मनरेगा आयुक्त पीसी किशन से ईटीवी भारत की खास बातचीत भीलवाड़ा की बदनोर पंचायत समिति के मोगर गांव में मनरेगा कार्य स्थल का निरीक्षण करते हुए जिला कलेक्ट्रेट सभागार में अधिकारियों की बैठक ली. बैठक में बाद ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कहा कि मनरेगा कार्य स्थल पर श्रमिकों की जगह जेसीबी से काम हो रहा है, वहां संबंधित विकास अधिकारी, जेटीओ और ग्रामसेवक के खिलाफ होगी. वहीं प्रदेश की तमाम ग्राम पंचायत क्षेत्र में मनरेगा के तहत चार काम हमने हाथ में लिए हैं, उस पर विशेष फोकस रहेगा.
राजस्थान मनरेगा के क्षेत्र में नंबर वन
मनरेगा के आयुक्त पीसी किशन ने कहा कि राजस्थान मनरेगा के क्षेत्र में अव्वल इसलिए है क्योंकि या हम मानव दिवस सर्जन के मामला, टाइमली पेमेंट में 99.6 प्रतिशत, 100 दिवस पूरे करने की संख्या में प्रदेश में 5 लाख लोगों की जगह इस बार 10 लाख लोग पूरा करेंगे. वहीं SC-ST मानव दिवस सृजन में नंबर वन, पानी रिलेटेड काम में 70%, एग्रीकल्चर के क्षेत्र में अच्छा काम करके भी राजस्थान मनरेगा के क्षेत्र में नंबर वन है. वहीं भीलवाड़ा जिला मनरेगा के क्षेत्र में राजस्थान प्रदेश के पांच अव्वल जिलों में शामिल हैं. कुछ जगह कार्यक्षेत्र में प्रबंधन की कुछ समस्या है, उसका भी हम निस्तारण कर रहे हैं.
अधिकारी का कहना -अब मजदूरों को मिलेगा अच्छा भुगतान
मनरेगा में पैसे कम मिलने के सवाल पर वरिष्ठ आईएएस अधिकारी ने कहा कि रेट कम मिलने का कारण कुछ लोग काम नहीं करने के कारण एवरेज रेट आ रही है. इसके लिए हमने पूरा काम ,पूरा दाम अभियान चलाया है. जिसके तहत मजदूरों को अच्छा भुगतान मिलेगा.
वहीं उन्होंने कहा कि हमने जिले की बदनोर पंचायत समिति क्षेत्र के मोगर ग्राम पंचायत का निरीक्षण किया. वहां जिले के तमाम विकास अधिकारी हमारे साथ मौजूद रहे. अभी भीलवाड़ा जिले में ढाई लाख मजदूर मनरेगा में काम कर रहे हैं. अगर मनरेगा कार्य स्थल पर श्रमिक की जगह जेसीबी का यूज लिया जाता है. कार्यस्थल पर जेसीबी बिना विकास अधिकारी के आशीर्वाद के नहीं चलती है. ऐसे में जहां श्रमिक की जगह जेसीबी का यूज किया जाता है. वहां विकास अधिकारियों, जेटीओ और ग्रामसेवक के खिलाफ FIR दर्ज होगी. देश में कोरोना काल के समय राजस्थान में मनरेगा से ही लोगों को संबल मिला है.
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प्रदेश में क्या नए काम करवाने के सवाल पर मनरेगा आयुक्त ने कहा कि प्रदेश की तमाम ग्राम पंचायत मुख्यालय पर मनरेगा के तहत काम चल रहा है. इस बार प्रदेश की तमाम ग्राम पंचायत क्षेत्र में हमने 4 काम विशेष हाथ में लिए हैं. इसमें खेल मैदान, चारागाह विकास, श्मशान और मॉडल तालाब प्रमुखता से हैं. वैसे तो मनरेगा के तहत प्रदेश में 260 काम करवाए जाते हैं लेकिन इन 4 कामों को महत्वपूर्णता दी है. हमारा उद्देश्य है कि लोगों को अधिक से अधिक रोजगार मिले.