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राजस्थान विधानसभा उपचुनाव 2021: सहाड़ा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी गायत्री देवी ने आलाकमान का जताया आभार

सहाड़ा विधानसभा सीट से कांग्रेस ने गायत्री देवी को चुनावी मैदान में उतारा है. शनिवार को गायत्री देवी ने कुलदेवी की पूजा की और कांग्रेस आलाकमान का आभार जताया.

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गायत्री देवी ने आलाकमान का जताया आभार

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Published : Mar 27, 2021, 8:39 PM IST

भीलवाड़ा. जिले की सहाड़ा विधानसभा उपचुनाव को लेकर भाजपा के बाद शनिवार को कांग्रेस ने उम्मीदवार की घोषणा कर दी है. सहाड़ा विधानसभा सीट से दिवंगत विधायक कैलाश त्रिवेदी की पत्नी गायत्री देवी को उम्मीदवार बनाया गया है. इसके बाद शनिवार को गायत्री देवी ने कुलदेवी की पूजा की और कांग्रेस आलाकमान का आभार जताया.

गायत्री देवी ने आलाकमान का जताया आभार

पढ़ें- राजस्थान विधानसभा उपचुनाव 2021: सहाड़ा सीट पर गायत्री देवी होंगी कांग्रेस की प्रत्याशी

बता दें, सहाड़ा विधानसभा सीट से भाजपा ने डॉ. रतन लाल जाट को प्रत्याशी बनाया है, तो वहीं कांग्रेस ने गायत्री देवी को अपना उम्मीदवार बनाया है. इस दौरान गायत्री देवी ने कांग्रेस आलाकमान के साथ ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट का आभार जताया.

गायत्री देवी ने कहा कि कांग्रेस के राष्ट्रीय और प्रदेश नेतृत्व ने मेरे ऊपर विश्वास किया और मुझे सहाड़ा विधानसभा उपचुनाव के लिए प्रत्याशी बनाया है. इस दौरान उन्होंने खुद की जीत का दावा किया और कहा कि क्षेत्र के अधूरे सपने को मैं पूरा करूंगी.

सहाड़ा का राजनीतिक समीकरण

  • सहाड़ा विधानसभा में विधानसभा चुनाव पहली बार 1952 में हुआ, जहां एचएमएस के शंभू सिंह विधायक चुने गये.
  • साल 1962 में कांग्रेस के देवेंद्र कुमार, साल 1967 और 1972 में कांग्रेस के जवाहरमल विधायक बने. साल 1977 में जनता पार्टी से रामचंद्र चौधरी चुनाव जीते.
  • साल 1980 और 1985 में कांग्रेस से रामपाल उपाध्याय विधायक बने, साल 1990 में कांग्रेस के रामपाल उपाध्याय को हराकर रतन लाल जाट जनता दल से विधायक बने.
  • साल 1993 में रामपाल उपाध्याय ने रतनलाल जाट को हराया और तीसरी बार विधायक बन. साल 1998 में रतन लाल जाट बीजेपी के टिकट पर जीतकर विधायक बने.
  • साल 2003 में कैलाश त्रिवेदी को कांग्रेस से टिकट मिला और वह विधायक चुने गए. साल 2008 में भी कैलाश त्रिवेदी दूसरी बार विधायक बने.
  • साल 2013 में रतन लाल जाट के छोटे भाई डॉक्टर बालू राम चौधरी ने कैलाश त्रिवेदी को हराया. वहीं साल 2018 में बीजेपी की ओर से रूप लाल जाट को हराकर कैलाश त्रिवेदी तीसरी बार विधायक बने.

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