भीलवाड़ा.छोटी सी उम्र में पूजा गंलूडिया ने खेल जगत में अपना और भीलवाड़ा जिले का नाम रोशन किया था. नेशनल और इंटरनेशनल स्नूकर-बिलियडर्स खेल रहीं पूजा और उनकी बेटी देवांशी का कहना है कि महिलाओं को हर गेम में अपनी दिलचस्पी दिखानी चाहिए. खेल के जरिए वे अपने परिवार और देश का नाम विश्व में रोशन कर सकती हैं....
बिलियर्ड्स के क्षेत्र में पहचान बन गई हैं पूजा कहते हैं राजस्थान के रेगिस्तानी समंदर में पानी तो नहीं मिलता. लेकिन इस मिट्टी में ऐसे लोग उभर के आए हैं जिन्होंने अपनी मेहनत के दम पर अपने क्षेत्र, प्रदेश और देश का नाम दुनिया में रोशन किया है.
पूजा ने बिलियर्ड्स को बनाया पैशन स्नूकर-बिलियर्ड्स नेशनल चैंपियन रहीं पूजा गंलूडिया ने कहा कि राजस्थान में महिलाओं के खेल को प्रोत्साहित करने की जरूरत है. उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपनी मां रेनू देवी को दिया. उन्होंने कहा कि उन्हें इस खेल के लिए उनकी मां ने प्रेरित किया था.
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मां की प्रेरणा से पूजा ने 13 साल की उम्र से ही इस खेल में रुचि लेना शुरू किया. इस दौरान उन्हें काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ा. लेकिन पूजा ने हार नहीं मानी. उन्होंने कहा कि इस गेम को लोकल लेवल पर खेलना हार्ड वर्किंग होता है.
बिलियर्ड्स के क्षेत्र में इलाके का नाम किया रोशन उन्होंने कहा कि जब वे नेशनल खेलने लगीं तो उनके गेम में निखार आता गया. उन्होंने 4 बार नेशनल चैंपियनशिप जीती और 2 बार इंटरनेशनल लेवल पर इंडिया की ओर से स्नूकर-बिलियडर्स गेम खेला.
देवांशी भी बिलियर्ड्स की नेशनल खिलाड़ी उन्होंने कहा कि यह उनकी इच्छा है कि हर महिला खेलों में रुचि ले. इसके लिए वे लगातार प्रयास कर रही हैं. फिलहाल वे वर्ल्ड टीवीएसए से मान्यता कोच हैं और युवा खिलाड़ियों को बिलियर्ड्स सिखा रही हैं.
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पूजा की बेटी देवांशी ने भी छोटी उम्र से ही बिलियर्ड्स खेलना शुरू कर दिया था. मां पूजा ही उनकी कोच थीं. देवांशी ने 16 साल की आयु में रशिया में भारत की ओर से भाग लिया था.
खुद इंटरनेशनल खेली, बेटी नेशनल प्लेयर देवांशी का कहना है कि मैं अब तक चार इंटरनेशनल लेवल पर गेम खेल चुकी हूं. अन्य महिला खिलाड़ियों को प्रेरित करने के सवाल पर देवांशी ने कहा कि हम लगातार महिलाओं को प्रेरित करते आ रहे हैं. उन्होंने समस्त महिलाओं से कहा कि अपने जीवन से कुछ समय निकाल कर खेलों को भी देना चाहिए.