भीलवाड़ा.शहर के बहुचर्चित बिल्डर शिवदत्त अपहरण कांड का पूरा मामला किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है. मामले की जांच के दौरान चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं. पुलिस ने बताया है कि बिल्डर खुद ही अपने अपहरण का कारण बना.
दरअसल, पथिक नगर स्थित श्रीनाथ रेजिडेंसी निवासी बिल्डर शिवदत्त शर्मा के अपहरण का मामला सामने आया था. उसकी पत्नी ने 22 मार्च को सुभाष नगर थाने में मामला दर्ज कराया था. जिसमें उसने पुलिस को बताया कि उसका पति 21 मार्च को घर से निकाला था. वह लौटकर वापस नहीं आया है. साथ ही उसने पुलिस को अपने मोबाइल पर आया एक संदेश दिखाया. जिसमें बिल्डर को छुड़ाने के लिए एक करोड़ रुपए की बकाया राशि का चुकता करने की बात कही गई थी. साथ ही ऐसा ना करने पर शिवदयाल को जान से मारने की धमकी दी गई थी.
अपहरण की झूठी कहानी रचने वाला बिल्डर गिरफ्तार मामला दर्ज करने के बाद पुलिस ने बिल्डर और आरोपियों की तलाश शुरू कर दी. इस दौरान 2 महीने तक वह देहरादून में फर्जी आईडी बनाकर मौज मस्ती कर रहा था. पुलिस को मोबाइल कॉल डिटेल और लोकेशन के आधार पर उसके उत्तराखंड में होने का पता चला. जिसके बाद उत्तराखंड पुलिस की सहायता से ऋषिकेश जिले से बरामद किया गया. पूछताछ के दौरान सामने आया कि शिवदत्त ने कई व्यापारियों और फाइनेंसर से अपने प्रोजेक्ट पर उधार ले रखे हैं. उधार ली गई रकम करीब 50 करोड़ रूपये है. जिसका समय पर वह ब्याज नहीं दे पा रहा है. जिसके चलते पुलिस ने मामले को संदिग्ध मानते हुए जांच शुरू की. जिसमें पता चला कि वह रकम का ब्याज समय पर नहीं दे पाने के चलते दबाव में था. जिससे परेशान होकर उसने अपने ही अपहरण का झूठा मैसेज उसकी पत्नी के मोबाइल पर भेजा था.
भीलवाड़ा के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक दिलीप सैनी ने बताया कि पुलिस जांच में सामने आया कि शिवदत्त यहां से जाने के पूर्व अपने मित्रों के साथ दिनभर था. उसके बाद अपनी गाड़ी को सुनसान इलाके में छोड़कर दिल्ली चला गया था. यहां से ऋषिकेश होते हुए देहरादून चले गए. उसने राकेश शर्मा के फर्जी नाम से मोबाइल सिम खरीद कर एक महिला मित्र के द्वारा परिवार के संपर्क में था. सैनी ने बताया कि शिवदत्त के खिलाफ पुलिस को गुमराह करने के साथ अन्य कई धाराओं में मामला दर्ज किया जाएगा.