भीलवाड़ा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 जनवरी को भगवान श्री देवनारायण के 1111वें जन्मोत्सव में शामिल होंगे. इस दौरान वे भगवान देवनारायण के दर्शन करेंगे और एक सभा को संबोधित करेंगे. इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने 2018 में भगवान श्री देवनारायण को याद कर चुनावी जनसभा को संबोधित किया था. नरेंद्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब 2003 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी विट्ठल शंकर अवस्थी के लिए वोट मांगने आसींद विधानसभा क्षेत्र आए थे. हालांकि, उस वक्त वह भगवान श्री देवनारायण के दर्शन करने पहुंच नहीं पाए थे. इस ऑर्टिकल में जानेंगे मालासेरी मंदिर का इतिहास क्या है. इसका महत्व क्या है.
भीलवाड़ा जिले के आसींद तहसील के मालासेरी ग्राम पंचायत के पास स्थित मालासेरी डूंगरी पर भगवान श्री देवनारायण का अवतार हुआ था. उनका जन्मोत्सव माघ महा की सप्तमी तिथि 28 जनवरी को मनाया जायेगा. इस जन्मोत्सव में देवनारायण जन्म स्थली के पुजारी हेमराज पोसवाल समेत बीजेपी के राजनेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को श्री देवनारायण जन्म स्थली आने का निमंत्रण भेजा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 28 जनवरी को मालासेरी में दौरा प्रस्तावित है. वहीं, ईटीवी भारत की टीम भगवान श्री देवनारायण की जन्म स्थली मालासेरी पहुंची. यहां पुजारी हेमराज पोसवाल से एक्सक्लूसिव बातचीत की.
मालासेरी पुजारी हेमराज पोसवाल ने बताया कि भगवान श्री देवनारायण विष्णु के अवतार माने जाते हैं. कलयुग के अंदर भगवान श्री देवनारायण का सम्मत 968 में माघ सुदी सप्तमी तिथि शनिवार को सुबह 4 बजे मालासेरी डूंगरी पर कमल के पुष्प में प्रकट हुए थे. भगवान विष्णु की सवारी गुरूड़ है उसका भी अवतार नीले घोड़े के रुप में यहां हुआ था. भगवान विष्णु के शेषनाग का भी मालासेरी में अवतार हुआ था. इसी मालासेरी डूंगरी के ऊपर पांच कामधेनु गायों के साथ भगवान श्री देवनारायण के अंग रक्षक और सृष्टि की रचना के समय जो भेरू प्रकट हुए.