भीलवाड़ा. मांडलगढ़ पंचायत समिति में बुधवार को प्रधान पद के लिए उपचुनाव हुए. प्रदेश में सत्ता व पंचायत समिति में कांग्रेस को पूर्ण बहुमत होने के बाद भी यहां कोई प्रत्याशी चुनाव मैदान में नहीं उतारा गया. इसके चलते पार्टी से बगावत कर निर्दलीय नामांकन दाखिल करने वाले जितेंद्र मूंदड़ा निर्विरोध प्रधान चुने गए. भाजपा के पास बहुमत नहीं होने के कारण इन सदस्यों ने भी मूंदड़ा को समर्थन दिया था.
जिले की मांडलगढ़ पंचायत समिति में तत्कालीन प्रधान सतीश जोशी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पास होने के बाद आज प्रधान पद के लिए उपचुनाव हुए. जिसमें कांग्रेस के पास पूर्ण बहुमत होने के बाद भी किसी भी प्रत्याशी को चुनाव मैदान में नहीं उतारा गया. वहीं भाजपा के पास बहुमत नहीं होने के कारण निर्दलीय को समर्थन दिया. इसके चलते निर्दलीय नामांकन दाखिल करने वाले जितेन्द्र मूंदड़ा निर्विरोध प्रधान चुने लिए गए.
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17 फरवरी से ही मांडलगढ़ पंचायत समिति के प्रधान का पद रिक्त चल रहा था. जहां पूर्व प्रधान सतीश जोशी के खिलाफ भाजपा व अपनी ही पार्टी कांग्रेस के पंचायत समिति सदस्यों ने मिलकर अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था. जहां अविश्वास प्रस्ताव पेश होने के कारण सतीश जोशी पंचायत समिति सदस्यों में विश्वास नहीं जता पाए और उन्होंने अपना प्रधान पद खोना पड़ा. आज निर्वाचन विभाग की ओर से प्रधान पद के लिए पुन उपचुनाव हुए. ऐसे में कांग्रेस से बगावत कर निर्दलीय नामांकन दाखिल करने वाले जितेंद्र मूंदड़ा र्निविरोध प्रधान चुने गए.
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उसके बाद क्षेत्र से भाजपा विधायक गोपाल खंडेलवाल, भाजपा जिलाध्यक्ष लादू लाल तेली सहित कई भाजपा के राजनेताओं ने प्रधान का स्वागत किया. मांडलगढ़ में जब पंचायत राज के चुनाव हुए थे. उस समय कांग्रेस पार्टी को पूर्ण बहुमत मिला था. जहां पंचायत समिति के 23 सदस्यों में से कांग्रेस को 15, बीजेपी को 7 और 1 निर्दलीय पंचायत समिति सदस्य विजयी हुए थे. उस समय कांग्रेस पार्टी ने विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी के ओएसडी मनीष जोशी के बड़े भाई सतीश जोशी को प्रधान पद का उम्मीदवार बनाया था. सतीश जोशी प्रधान पद बने थे, लेकिन फरवरी माह में अपनी ही पार्टी के साथ भाजपा के पंचायत समिति सदस्यों ने मिलकर प्रधान सतीश जोशी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था.